नई दिल्ली। हिंदू पंचांग के मुताबिक गंगा दशहरा का पर्व हर साल ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। हिंदू धर्म में गंगा दशहरा का बहुत महत्व होता है। यह दिन मां गंगा और भगवान शिव को समर्पित होता है। इस साल गंगा दशहरा 5 जून 2025 यानी बुधवार को मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यता है कि इसी दिन मां गंगा स्वर्ग से धरती पर उतरी थीं।
ऐसा माना जाता है कि राजा भगीरथ की तपस्या से प्रसन्न होकर मां गंगा पृथ्वी पर उतरी थीं, लेकिन पृथ्वी में उनकी तेज धारा संभालने की क्षमता नहीं थी, इसलिए भगवान शिव ने उन्हें अपनी जटाओं में समाहित कर लिया और धीरे-धीरे पृथ्वी पर प्रवाहित किया। यही कारण है कि गंगा दशहरा के दिन भगवान शिव की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। पंचांग के मुताबिक गंगा दशहरा की दशमी तिथि की शुरुआत 4 जून को रात 11 बजकर 54 मिनट होगी और इसकी समाप्ति 6 जून को रात 2 बजकर 15 मिनट पर होगी। उदया तिथि को मानते हुए गंगा दशहरा का पर्व 5 जून को मनाया जाएगा।
गंगा दशहरा के दिन स्नान-दान करने का महत्व होता है। स्नान-दान करने के लिए ब्रह्म मुहूर्त 5 जून को सुबह 4 बजकर 7 मिनट तक रहेगा। गंगा पर्व पर सिद्धि योग सुबह 9 बजकर 14 मिनट तक रहेगा। ब्रह्म और सिद्धि दोनों ही मुहूर्त गंगा स्नान और दान- के लिए शुभ हैं। गंगा दशहरा के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। स्नान करने के लिए गंगा नदी पर जाएं, ऐसा संभव न हो तो स्नान जल में गंगाजल मिलाकर नहा लें। इसके बाद मां गंगा और शिव जी की प्रतिमा को स्थापित करें। उन्हें पुष्प, धूप, दीप और दूर्वा अर्पित करें। साथ ही “ऊं नमो गंगायै विश्वरूपिण्यै नारायण्यै नमो नमः” मंत्र का जाप करें। आखिर में आरती उतारें और मीठे का भोग लगाएं।
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