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पितृपक्ष में इतने बजे से लग रहा चंद्र ग्रहण, जानें सूर्य ग्रहण कब ?

नई दिल्ली: इस साल पितृपक्ष 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक रहेगा, जिसमें 18 सितंबर को पहला श्राद्ध और 2 अक्टूबर को अंतिम श्राद्ध होगा। वहीं इन दोनों ही तारीखों पर ग्रहण भी लगने जा रहे हैं, जिससे ज्योतिषविद चिंतित हैं। 18 सितंबर को प्रतिपदा श्राद्ध पर चंद्र ग्रहण और 2 अक्टूबर को सर्वपितृ अमावस्या […]

चंद्र ग्रहण, सूर्य ग्रह, 18 सितंबर, 2 अक्टूबर
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  • Last Updated: September 17, 2024 23:29:43 IST

नई दिल्ली: इस साल पितृपक्ष 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक रहेगा, जिसमें 18 सितंबर को पहला श्राद्ध और 2 अक्टूबर को अंतिम श्राद्ध होगा। वहीं इन दोनों ही तारीखों पर ग्रहण भी लगने जा रहे हैं, जिससे ज्योतिषविद चिंतित हैं। 18 सितंबर को प्रतिपदा श्राद्ध पर चंद्र ग्रहण और 2 अक्टूबर को सर्वपितृ अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण लगेगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, पितृपक्ष के दौरान ग्रहण का प्रभाव अशुभ हो सकता है, इसलिए विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी जा रही है।

चंद्र ग्रहण का समय

18 सितंबर को लगने वाला चंद्र ग्रहण सुबह 6:12 से 10:17 बजे तक रहेगा। यह आंशिक चंद्र ग्रहण होगा, लेकिन यह भारत में दिखाई नहीं देगा। यह मुख्य रूप से दक्षिणी अमेरिका, पश्चिमी अफ्रीका और यूरोप के कुछ हिस्सों में देखा जा सकेगा। इसलिए भारत में इस ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा और पूजा-पाठ या श्राद्ध कर्म में कोई बाधा नहीं होगी।

चंद्र ग्रहण का प्रभाव

चंद्र ग्रहण के कारण कुछ राशियों पर मिलाजुला प्रभाव पड़ सकता है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार, मेष, सिंह, मकर और मीन राशि के जातकों पर यह ग्रहण प्रतिकूल प्रभाव डालेगा, जिससे उन्हें आर्थिक, करियर और स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। वहीं, वृष, मिथुन, वृश्चिक और कुंभ राशियों के लिए यह ग्रहण शुभ रहेगा। कर्क, तुला और धनु राशि पर इस ग्रहण का कोई विशेष प्रभाव नहीं होगा।

सूर्य ग्रहण कब लगेगा

2 अक्टूबर को अंतिम श्राद्ध के दिन रात 9:13 से मध्यरात्रि 3:17 बजे तक सूर्य ग्रहण लगेगा। यह ग्रहण भी भारत में नहीं दिखाई देगा, इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। यह ग्रहण मुख्य रूप से दक्षिण अमेरिका, प्रशांत महासागर, और चिली जैसे देशों में दिखेगा। भारत में इसकी दृश्यता न होने के कारण सूतक काल लागू नहीं होगा और श्राद्ध कर्म प्रभावित नहीं होंगे।

जरूरतमंदों को भोजन कराएं

ग्रहण के दौरान पितृदोष से मुक्ति पाने के लिए ज्योतिषविदों ने कुछ उपाय बताए हैं। इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन कराएं, दान दें और पीपल के पेड़ पर जल अर्पित करें। श्राद्ध कर्म के समय दक्षिण दिशा की ओर मुख करके पितरों को प्रणाम करें।

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