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Makar Sankranti 2024 Date: 14 या 15 आखिर कब है मकर संक्रांति?

नई दिल्ली: हिंदू धर्म में एक वर्ष में कुल 12 संक्रांतियां पड़ती हैं, जिनमें से एक मकर संक्रांति होती है। मकर संक्रांति के दिन सूर्य, धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं और इस दिन खरमास समाप्त होता है। इस साल मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी 2024 को मनाया जाएगा। मकर […]

Makar Sankranti 2024 Date
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  • Last Updated: January 13, 2024 20:06:12 IST

नई दिल्ली: हिंदू धर्म में एक वर्ष में कुल 12 संक्रांतियां पड़ती हैं, जिनमें से एक मकर संक्रांति होती है। मकर संक्रांति के दिन सूर्य, धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं और इस दिन खरमास समाप्त होता है। इस साल मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी 2024 को मनाया जाएगा। मकर संक्रांति वाले दिन पर गंगा स्नान और दान का बहुत महत्व होता है। मकर संक्रांति पर शुभ मुहूर्त में स्नान करना चाहिए। वहीं मकर संक्रांति वाले दिन यानी की 15 जनवरी को सुबह 9:13 बजे सूर्य, धनु राशि(Makar Sankranti 2024 Date) को छोड़कर मकर राशि में गोचर करने जा रहे हैं।

शुभ मुहूर्त

उदयातिथि के मुताबिक, मकर संक्रांति इस बार 15 जनवरी 2024 को मनाई जाएगी। मकर संक्रांति वाले दिन सूर्य रात 2 बजकर 54 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश करेंगे।

  •  मकर संक्रांति का पुण्यकाल(Makar Sankranti 2024 Date) सुबह 07:15 मिनट से शाम 06: 21 मिनट तक है।
  • मकर संक्रांति का महा पुण्यकाल सुबह 07:15 मिनट से सुबह 09: 06 मिनट तक है।

मकर संक्रांति शुभ संयोग

बता दें कि 15 जनवरी 2024 को मकर संक्रांति पर 77 सालों के बाद रवि योग और वरीयान योग का संयोग बन रहा है और इस दिन मंगल और बुध भी एक ही राशि धनु में भी विराजमान रहेंगे।

  • वरीयान योग:- 15 जनवरी को यह योग प्रातः 2: 40 मिनट से लेकर रात 11:11 मिनट तक है।
  • रवि योग :- 15 जनवरी को सुबह 07:15 मिनट से लेकर सुबह 08:07 मिनट तक रहेगा।
  • सोमवार :- 5 साल बाद मकर संक्रांति सोमवार के दिन पड़ रही है और ऐसे में सूर्य संग शिव का आशीर्वाद भी प्राप्त होगा।

 

मकर संक्रांति पूजन विधि

मकर संक्रांति वाले दिन सुबह स्नान कर लोटे में लाल फूल और अक्षत डाल कर सूर्य को अर्घ्य दें, श्रीमदभागवद के एक अध्याय का पाठ करें या गीता का पाठ करें, सूर्य के बीज मंत्र का जाप करें, नए अन्न, कम्बल, तिल और घी का दान करें, भोजन में नए अन्न की खिचड़ी बनाएं। उसके बाद भोजन भगवान को समर्पित करके प्रसाद रूप से ग्रहण करें, इस दिन किसी गरीब व्यक्ति को बर्तन समेत तिल का दान करने से शनि से जुड़ी हर पीड़ा से मुक्ति मिलती है।

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