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Mauni Amavasya 2024: मौनी अमावस्या पर पितरों को प्रसन्न करने के लिए जरूर करें ये काम

नई दिल्ली। माघ मास की अमावस्या को मौनी अमावस्या(Mauni Amavasya 2024) कहा जाता है। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन ऋषि मनु का जन्म हुआ था। मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत रखने की परंपरा है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन त्रिवेणी या गंगा जैसे पवित्र नदियों में स्नान कर दान करने से पुण्य […]

Mauni Amavasya 2024
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  • Last Updated: January 30, 2024 15:57:18 IST

नई दिल्ली। माघ मास की अमावस्या को मौनी अमावस्या(Mauni Amavasya 2024) कहा जाता है। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन ऋषि मनु का जन्म हुआ था। मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत रखने की परंपरा है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन त्रिवेणी या गंगा जैसे पवित्र नदियों में स्नान कर दान करने से पुण्य फलों की प्राप्त होता है। अगर आप किसी तीर्थ स्थल पर जाने में असमर्थ हैं तो घर पर ही पानी में त्रिवेणी या गंगाजल मिलाकर स्नान करके इसका लाभ उठा सकते हैं। साथ ही मौनी अमावस्या के दिन स्नान करने के बाद तिल, तिल के लड्डू, तिल का तेल, आंवला और कंबल का दान करने से जीवन में सुख-समृद्धि में बढ़ोत्तरी होती है।

जानें क्या है मौनी अमावस्या(Mauni Amavasya 2024) का महत्व?

ऐसा माना जाता है कि अमावस्या के दिन व्रत रखने से पितरों को मोक्ष मिलता है। साथ ही पुण्य फलों की प्राप्ति होती है, पितर प्रसन्न होते हैं और पितरों के आशीर्वाद से सारे काम भी पूरे होते हैं। वहीं गरुड़ पुराण में कहा गया है कि अमावस्या के दिन पितर अपने वंशजों से मिलने जाते हैं। इस दिन व्रत रखकर पवित्र नदी में स्नान करने, दान व पितरों को भोजन अर्पित करने से वो प्रसन्न होते हैं और अपना आशीर्वाद देते हैं।

मौनी अमावस्या पर करें ये काम

  • मौनी अमावस्या(Mauni Amavasya 2024) के दिन पितरों का श्राद्ध करें, इससे उनका आशीर्वाद मिलता है।
  • मौनी अमावस्या के दिन किसी पवित्र नदी में स्नान जरूर करें।
  • मौनी अमावस्या के दिन पितृ तर्पण करने के लिए नदी या घर में स्नान करके सूर्य को अर्घ्य देकर पितरों का तर्पण करना चाहिए।
  • ऐसा करने के बाद किसी गरीब या ब्राह्मण को भोजन कराना चाहिए।
  • मौनी अमावस्या के दिन जरूरतमंदों को दान जरूर करना चाहिए।

मौनी अमावस्या पर न करें ये काम

  • मौनी अमावस्या के दिन तामसिक चीजों से दूरी बनाएं।
  • मौनी अमावस्या के दिन अपने मन में नकारात्मक विचारों को न लाएं।
  • मौनी अमावस्या के दिन घर पर आए किसी भी जरूरतमंद को खाली हाथ वापस न लौटाएं।
  • मौनी अमावस्या के दिन मौन रहना चाहिए।
  • मौनी अमावस्या के दिन किसी को अपशब्द न कहें और अपने बड़े-बुजुर्गों का आदर करें।

मौनी अमावस्या की तिथि और मुहूर्त

माघ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या आरंभ – 9 फरवरी, सुबह 8 बजकर 02 मिनट से
माघ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या समाप्त- 10 फरवरी, सुबह 4 बजकर 28 मिनट पर

(Disclaimer: यहां दी गई सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। जिसका किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं की गई है। यहां दी गई किसी भी जानकारी या मान्यता पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।

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