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Navratri 2018: पहले नवरात्रि को इस शुभ मुहूर्त और मंत्र के साथ करें कलश स्थापना

चैत्र नवरात्रि 2018 आज से यानि 18 मार्च से शुरू हो गया है. नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्रि की पूजा की जाती है. नवरात्रि 2018 के पहले दिन इस मुहूर्त और पूजा विधि के साथ कलश स्थापना करें.

Navratri 2018
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  • Last Updated: March 18, 2018 02:00:18 IST

नई दिल्ली: हिन्दुओं की सबसे पवित्र त्योहार चैत्र नवरात्रि 2018 आज से यानि 18 मार्च से शुरू हो गया है. नौ दिनों तक चलने वाली इस पूजा में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है. हिन्दू परंपरा के अनुसार इन 9 दिनों का विशेष महत्व होता है. खास बात यह है कि इस बार नवरात्रि 8 दिन का ही होगा. नवरात्रि 2018 का त्योहार साल में दो बार मनाया जाता है. आज से नवरात्रि शुरू हो रहे हैं और पहले नवरात्रि पर कलश स्थापना और चौकी लगाई जाती है. इस शुभ कार्य को मुहूर्त के अनुसार किया जाता है. नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्रि की पूजा की जाती है.

सबसे पहले ध्यान दें कि नवरात्रि चौकी लगाने से पूर्व मंदिर को अच्छे से साफ सफाई कर लें. उसके बाद ही चौकी लगाने की तैयारी करें. पूजा में सबसे महत्वपूर्ण कलश स्थापना होती है. कलश पर स्वास्तिक बनाएं और मौली बांधे. 5 या 7 आम के पत्ते कलश पर लगाएं. कलश में सुपारी, सिक्का, चावल के दानें डालकर पानी भरकर रख दें. इसके बाद कलश को नौ दिनों के लिए स्थापित कर दें.

नवरात्रि 2018 : मां दुर्गा का कलश स्थापना का मुहूर्त

चैत्र नवरात्रि 2018 में सबसे अहम माता की चौकी होती है. जिसे शुभ मुहूर्त देखकर लगाया जाता है. कलश स्थापना की शुभ मुहूर्त सुबह 6.02 बजे से है. इसके बाद 6.20 बजे से 7.45 बजे तक द्विस्भाव लग्न है और सुबह 9.19 से 11.12 बजे तक वृष लग्न है, इस लग्न में कलश स्थापना करने पर मां लक्ष्मी का वास होता है.

मां शैलपुत्री की करें पूजा
आज पहला नवरात्रि 2018 है. आज के दिन शैलपुत्री की पूजा की जाती है. मंदिर में मां शैलपुत्री की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें. मां की प्रतिमा को तिलक करें. इसके बाद जोत जलाएं, और जोत लेने के लिए गोबर के उपले को जला कर लौंग इलायची का भोग लगाएं.

इस मंत्र का करें उच्चारण
वन्दे वांछित लाभाय चन्द्रार्द्वकृतशेखराम्।
वृषारूढ़ा शूलधरां यशस्विनीम्॥

इस मंत्र का अर्थ ये होता है कि और बाएं हाथ में कमल पुष्प सुशोभित है. यही नवदुर्गाओं में प्रथम दुर्गा है. नवरात्रि 2018 के प्रथम दिन देवी उपासना के अंतर्गत शैल पुत्री का पूजन करना चाहिए.

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