नई दिल्ली: जया एकादशी का व्रत इस वर्ष 8 फरवरी 2025, शनिवार को रखा जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 7 फरवरी की रात 9:26 बजे से शुरू होकर 8 फरवरी की रात 8:15 बजे तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार, व्रत 8 फरवरी को रखा जाएगा।
जया एकादशी व्रत को भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत के पालन से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह व्रत ब्रह्महत्या जैसे महापापों से मुक्ति दिलाने वाला माना गया है।
प्रातःकाल स्नान: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
संकल्प: व्रत का संकल्प लें और दिन भर भगवान विष्णु का ध्यान करें।
भगवान विष्णु की पूजा: भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र के सामने दीपक जलाएं, पुष्प, धूप, चंदन, फल, और तुलसी दल अर्पित करें।
व्रत कथा: जया एकादशी की कथा का पाठ या श्रवण करें।
भजन-कीर्तन: भगवान विष्णु के भजनों का गायन करें और उनकी आरती उतारें।
रात्रि जागरण: संभव हो तो रात्रि में जागरण करें और भगवान का स्मरण करें।
पारण: व्रत का पारण द्वादशी तिथि को किया जाता है। इस वर्ष, पारण 8 फरवरी 2025 को किया जाएगा।
इस दिन अन्न का सेवन न करें; फलाहार या निर्जल व्रत रखें। लहसुन, प्याज, और मसालेदार भोजन से परहेज करें। इसके साथ ही इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें। क्रोध, झूठ, और विवाद से दूर रहें। ब्रत के समय दिन में सोने से बचें।
जया एकादशी 07 फरवरी 2025 रात 09 बजकर 26 मिनट पर शुरू होगी। जो अगले दिन यानी 08 फरवरी 2025 को रात 08 बजकर 15 मिनट पर खत्म होगी। जया एकादशी के दिन पूजा का ब्रह्म मुहूर्त सुबह 05:21 से 06:13 बजे तक का है। वहीं रवि योग सुबह 07:05 से शाम 06:07 बजे तक का होगा। अमृत काल की शुरूआत सुबह 09:31 से शुरू होकर 11:05 तक रहेगा। इन मुहूर्तों में भगवान विष्णु की पूजा करना विशेष फलदायी माना जाता है। जया एकादशी का व्रत श्रद्धा और नियमपूर्वक करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि आती है।
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