अक्सर लोग कड़ी मेहनत करने के बावजूद आर्थिक तंगी का सामना करते हैं। कई बार मेहनत और योजनाएं भी फलीभूत नहीं होतीं, जिससे धन की कमी बनी रहती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि वास्तुशास्त्र और ज्योतिष के अनुसार कुछ खास चीज़ें घर में रखने से आर्थिक संकट से बचा जा सकता है?
आज स्कंद षष्ठी का पर्व 3 फरवरी 2025 को मनाया जा रहा है, जो भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र, भगवान कार्तिकेय को समर्पित है। हिंदू धर्म में प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को यह व्रत रखा जाता है।
सूर्य का गोचर आज 3 फरवरी 2025 को सिंह राशि में होने जा रहा है, जो सभी 12 राशियों के जीवन में विशेष प्रभाव डालने वाला है। सूर्य का सिंह राशि में प्रवेश एक शुभ संयोग का निर्माण करता है जिसे राजयोग कहा जाता है।
वास्तुशास्त्र के अनुसार, घर का सही निर्माण और ऊर्जा संतुलन हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव डालता है। यदि घर में किसी प्रकार का वास्तुदोष हो तो यह न केवल मानसिक अशांति लाता है, बल्कि आर्थिक, स्वास्थ्य और पारिवारिक समस्याओं का कारण भी बन सकता है।
हिंदू धर्म में मां सरस्वती को विद्या, ज्ञान और बुद्धि की देवी माना जाता है, जबकि माता लक्ष्मी धन और समृद्धि की देवी हैं। वहीं, गंगा देवी को पवित्रता और मोक्ष का प्रतीक माना जाता है। लेकिन एक पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार मां सरस्वती ने क्रोध में आकर मां लक्ष्मी और गंगा को श्राप दे दिया था, जिसके कारण भगवान विष्णु को भी दोनों का त्याग करना पड़ा था।
बसंत पंचमी का पर्व ज्ञान, विद्या, संगीत और कला की देवी मां सरस्वती को समर्पित होता है। यह दिन विशेष रूप से विद्यार्थियों, कलाकारों और बुद्धिजीवियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। बसंत पंचमी 2025 में 2 फरवरी को मनाई जाएगी। इस दिन मां सरस्वती की विधिपूर्वक पूजा करने से बुद्धि का विकास, ज्ञान की प्राप्ति और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
आज, 2 फरवरी 2025, रविवार को पूरे भारत में बसंत पंचमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है।
आज, 2 फरवरी 2025, रविवार के दिन, कुछ राशियों पर सूर्य देव की विशेष कृपा बनी हुई है, जिससे उन्हें धन लाभ, व्यवसाय में उन्नति और जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सफलता प्राप्त होने के योग हैं।
हिंदू धर्म में बसंत पंचमी का विशेष महत्व है। यह पर्व ज्ञान, कला और संगीत की देवी मां सरस्वती को समर्पित है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती प्रकट हुई थी. इसलिए इस दिन विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। वहीं इस वर्ष बसंत पंचमी का पर्व किस दिनांक को मनाया जाएगा और इसके क्या महत्व है. आइए जानते है.
आज चंद्रमा कुंभ राशि में स्थित होकर पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र से गुजर रहा है, जिससे दुरुधरा योग और शश राजयोग का निर्माण हो रहा है। आज आपको अपनी आवाज़ में मधुरता लाने की जरूरत होगी, जिससे व्यापार में लाभ मिलेगा।