पदी के जन्म की एक कथा है। जिसके अनुसार, राजा द्रुपद ने द्रोणाचार्य का अपमान किया था। इस अपमान के कारण द्रोणाचार्य ने पांडवों की मदद से द्रुपद को कैद कर लिया था। ऐसे में द्रोणाचार्य को मारने के लिए राजा द्रुपद ने ब्राह्मणों की मदद से एक यज्ञ किया, जिसकी मदद से उनकी दो संतानें हुईं, जिनके जन्म का उद्देश्य द्रोणाचार्य का वध करना था।
नए घर में प्रवेश करना किसी भी व्यक्ति के जीवन में एक खास और महत्वपूर्ण पल होता है। ऐसे में वास्तु शास्त्र के कुछ जरूरी नियमों का पालन करके आप अपने नए घर को सकारात्मक ऊर्जा से भर सकते हैं। आइए जानते हैं वे महत्वपूर्ण वास्तु नियम जिनका पालन करना आवश्यक है।
सूर्य का राशियों में गोचर बेहद शुभ रहेगा, जबकि कुछ को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। ज्योतिष के अनुसार, सूर्य का यह गोचर आर्थिक प्रगति, नौकरी में तरक्की और व्यक्तिगत जीवन में सुख-शांति लाने का संकेत दे रहा है।
मिथुन राशि वालों के लिए आज का दिन काफी अच्छा रहने वाला है। इस राशि के जातकों को आज पूरा लाभ मिलेगा। आपको ऑफिस से जुड़ा कोई महत्वपूर्ण काम सौंपा जा सकता है.
घरों में खुशहाली और तरक्की के लिए वास्तु और फेंगशुई पर काफी ध्यान देते हैं। इन दोनों विधाओं में बताया गया है कि कुछ पौधों को घर में लगाने से न केवल घर की शोभा बढ़ती है, बल्कि यह जीवन में सकारात्मक ऊर्जा भी लाते हैं।
अपनी दिव्य शक्तियों के लिए मशहूर बाबा वेंगा ने एक बार फिर अपनी भविष्यवाणियों से सबको चौंका दिया है। बाबा वेंगा ने 2025 के लिए एक बड़ी भविष्यवाणी की है, जिसमें उन्होंने कुछ खास नाम और राशि वाले लोगों के लिए आर्थिक समृद्धि और किस्मत के दरवाजे खुलने की बात कही है।
कालाष्टमी व्रत का विशेष महत्व है। भगवान काल भैरव का व्रत रखने से जीवन में आने वाले कष्टों से मुक्ति मिलती है और शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है। साथ ही, यह व्रत मानसिक शांति और सुख-समृद्धि प्रदान करता है।
इस बार सूर्य का गोचर व्यापार, करियर और व्यक्तिगत जीवन में कई बदलाव लेकर आएगा। आइए जानते हैं सभी राशियों पर इसका प्रभाव।
हिंदू धर्म में हनुमान जी को संकटमोचन और रक्षा के देवता माना जाता है। विशेष रूप से उनकी पंचमुखी रूप की तस्वीर घर के वास्तु दोष को खत्म करने में कारगर साबित होती है।
वर्तमान में हम कलियुग के दौर में जी रहे हैं। कई लोग यह जानना चाहते हैं कि कलियुग का अंत कब होगा और उसके बाद क्या होगा? इसके उत्तर के लिए हमें पुराणों और धार्मिक ग्रंथों में दिए गए तथ्यों पर ध्यान देना होगा।