दिवाली 2017 का त्योहार आज देशभर में बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाएगा, शायद आप लोग इस बात से अंजान होंगे कि दिवाली की रात को महानिशा की रात्रि नाम से भी जाना जाता है. आज हम आपको दिवाली के इस खास मौके पर लक्ष्मी पूजा के दौरान दिवाली टिप और दिवाली महाउपाय के बारे में रू-ब-रू कराएंगे.
दिवाली भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी पूरे जोश, उत्साह और उल्लास के साथ मनाई जाती है. दिवाली पर विधि-विधान पूर्वक मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करने की परंपरा है. दिवाली से पहले लोग घरों में साफ सफाई करते हैं. क्योंकि कहा जाता है कि जिस घर में साफ सफाई होती है वहीं लक्ष्मी जी वास करती हैं.
आज दिवाली का त्योहार है. इसे खुशियों का त्योहार दिवाली भी कहा जाता है. इस पर्व का इंतजार लोगों को सालभर रहता है. इस दिन लक्ष्मी और गणेश की पूजा की जाती है. दिवाली पर लक्ष्मी जी की पूजा पूरे विधि-विधान के साथ की जाए तो हर घर में देवी लक्ष्मी की कृपा से धन और ऐश्वर्या की कभी कमी नहीं होती है.
अगर आप अपने जीवन में होने वाले परिवर्तनों के बारे में जानना चाहते हैं तो पढ़िए दिवाली यानि 19 अक्टूबर का राशिफल. ये राशिफल आपको बताएगा कि आज आपके सितारे क्या कहते हैं.
दिवाली के माहौल में आप में से अधिकतर मां लक्ष्मी की पूजा करेंगे. ऐसे में ये जानना आपके लिए वाकई में बेहद दिलचस्प होगा कि देश पर राज करने वाले एक नहीं बल्कि दो-दो विदशी शासकों ने भारत में मां लक्ष्मी की तस्वीर वाला सिक्का लॉन्च किया था. इन शासकों में से एक तो मुस्लिम शासक था, उसका नाम देश में कोई मुसलमान भी आदर के साथ नहीं लेता. दूसरा एक इंडो यूनानी शासक था, भारत में सबसे खरे सोने के सिक्के चलाने का श्रेय इतिहास में उसके नाम है. ये दो शासक थे कुषाण शासक कनिष्क और मोहम्मद गौरी.
देश भर में दिवाली यानी दीपावली की धूम है. सत्य के प्रतीक और प्रकाश का पर्व दिवाली हर जगह धूमधाम से मनाई जा रही है. भले ही दिवाली 19 अक्टूबर को है, मगर इसे सेलिब्रेट करने की शुरुआत तो धनतेरस से ही शुरू हो जाती है. दिवाली के दिन विधिवत रूप से भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है. इस दिन शुभ मुहूर्त में गणेश-लक्ष्मी पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि और अन-धन में बढ़ोतरी होती है. जैसे हर पर्व त्योहार का अपना एक अलग महत्व होता है उसकी खास पूजा विधि, मुहूर्त होता है, ठीक इसी तरह दिवाली का भी अपना एक शुभ मुहूर्त है. इस शुभ मुहूर्त में पूजा करने से यश की प्राप्ती होती है.
कल यानी कि 19 अक्टूबर को रोशनी का पर्व दिवाली है. ये पर्व हिंदुओँ के लिहाज से काफी अहम होता है. घर में सुख-समृद्धि और धन लाभ के लिए गणेश-लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है. दिवाली का त्योहार तो वैसे तो सभी लोगों के लिए खास होता है, मगर सबसे अहम दुकानदार और व्यापारियों के लिए होता है. ऐसा माना जाता है कि दिवाली के दिन से ही दुकानदारों और व्यापारियों के लिए नया साल शुरू होता है. दिवाली का दिन दुकानदार और व्यापारियों के लिए इसलिए भी खास है क्योंकि इस दिन से बही खाते में काम शुरू होता है.
सिख दिवाली को बंदी छोड़ दिवस के तौर पर मनाते हैं जबकि जैन इसे दिवाली बोलकर ही मनाते हैं. बौद्ध इसे तिहार नाम से मनाते हैं. आगे पढ़िए कि इन तीनों धर्म में दिवाली क्यों और कैसे मनाया जाता है.
भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या में इस बार की दिवाली का नजारा कुछ जुदा सा है. छोटी दिवाली के मौके पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में करीब 1 लाख 71 हजार दीयों को जलाकर त्रेता युग को जीवंत कर दिया गया. इस बार छोटी दिवाली के मौके पर अयोध्या में सरयू नदी के किनारे राम की पौड़ी पर 1 लाख 71 हजार दीयों से पूरे घाट को रोशन किया गया.
हिंदू धर्म के कुछ लोग ये भी मानते हैं कि भगवान राम की अयोध्या वापसी और दिवाली का कोई संबंध ही नहीं है. इनका मानना है कि राम कार्तिक यानी अक्टूबर-नवंबर नहीं बल्कि चैत्र यानी मार्च-अप्रैल में अयोध्या लौटे थे.