आज दिवाली का त्योहार है. जिसका इंतजार लोगों को पूरे साल रहता है. दिवाली पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है. इस दिन लक्ष्मी जी की पूजा पूरे विधि-विधान के साथ की जाए तो हर घर में माता लक्ष्मी की कृपा से यश, संपत्त्ति और ऐश्वर्या की कभी कमी नहीं होती है.
भाई-बहन के प्यार और स्नेह का त्योहार भाई दूज 2017 आज देशभर में मनाया जा रहा है, भाई दूज पर बहनें भाई के माथे पर तिलक लगाती हैं. बहनें अपने भाईयों की लंबी उम्र की कामना करती हैं. भाई दूज को भाऊ बीज और भातृ द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है.
आज छोटी दिवाली है. जिसे नरक चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है. नरक चतुर्दशी के मौके पर मृत्यु के देव यमराज की पूजा की जाती है. नरक चतुर्दशी को नरक चौद, रूप चौदस, रूप चतुर्दशी के नाम से भी जाना हैं. कहा जाता है कि नरकासुर के वध के बाद लोगों ने इस दिन को त्योहार के रूप में मनाया था.
आज छोटी दिवाली का पर्व देशभर में मनाया जा रहा है. इस वर्ष दिवाली 19 अक्टूबर की है और आज छोटी दिवाली यानि नरक चतुर्दशी है. इस दिन भी दिवाली की तरह पूजा-पाठ, दीप जलाएं जाते हैं. लेकिन दोनों दिन पूजा में ये अंतर होता है कि दिवाली पर भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है.
अगर आप अपने जीवन में होने वाले परिवर्तनों के बारे में जानना चाहते हैं तो पढ़िए छोटी दिवाली यानि 18 अक्टूबर का राशिफल. ये राशिफल आपको बताएगा कि आज आपके सितारे क्या कहते हैं.
वैसे तो सभी पर्व-त्योहार अहम होते हैं मगर छठ महापर्व की बात ही निराली है. बिहार, झारखंड और पूर्वांचल के लोगों के बीच धर्म और आस्था के प्रतीक के तौर पर छठ महापर्व को सभी पर्व-त्योहार में सबसे ऊपर स्थान दिया गया है.
दिवाली के छह दिन बाद आता है छठ का महापर्व. यह एक लोक आस्था का पर्व है. यह छठ भगवान सूर्य की उपासना का पर्व है. छठ पर्व में उगते सूर्य के साथ- साथ डूबते सूर्य की भी आराधना की जाती है.
महापर्व छठ पूजा 2017 की तैयारियां शुरू हो चुकी है. दिवाली के 6 दिन बाद छठ पूजा मनाई जाती है. चार दिनों तक चलने वाले इस महापर्व की तैयारियां भी काफी पहले से शुरू हो जाती है. छठ के पकवानों के अलावा इस पर्व में इस्तेमाल होने वाले फल और सब्जियों का भी विशेष महत्व है.
आज धनतेरस का त्योहार है, जो कि दिवाली से दो दिन पहले मनाया जाता है. इतना ही नहीं धनतेरस से ही दिवाली के त्योहार की शुरुआत होती है. इस दिन माता लक्ष्मी के साथ भागवान धन्वन्तरि और देवताओं के कोषाध्यक्ष कुबेरदेव की पूजा की जाती है.
ब अमावस की काली रात को रौशनी से पाट दिया जाता है. बहुत से लोग इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं और उन्हें प्रसन्न करते हैं लेकिन पश्चिम बंगाल और असम में इस दिन काली पूजा होती है.