नवरात्र के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है. माता रानी के भक्त इन दिनों व्रत रखते हैं और मां को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं. इन दिनों मां दुर्गा अपना आशीर्वाद देने के लिए हमारे घरों में विराजमान होती हैं.
हर तरफ नवरात्र की धूम मची हुई है. जैसा कि आपको पता है 2017 के शारदीय नवरात्र 21 सितंबर से शुरू हो गए हैं. इस दौरान हर दिन दुर्गा माता की 9 रूपों की पूजा की जाती है.
नवरात्रि में सभी कोई न कोई मनोकामना लेकर कलश स्थापना या दुर्गा पाठ करता है. ऐसे में सब जानना चाहते हैं कि पूजा कितनी सफल हुई. हम आपको आज बताने जा रहे हैं कि नवरात्रि में माता की आराधना के दौरान किन शुभ संकेतों को देखने से पूजा सफल मानी जाती है.
छठे नवरात्रि पर मां दुर्गा के छठे रूप देवी कात्यायनी की पूजा की जाती है. कहा जाता है मां कात्यानी भक्तों पर हमेशा अपनी कृपा बनाए रखती हैं. मां कात्यायनी बहुत जल्दी ही भक्तों से प्रसन्न होकर उनके रोग, दुख, संताप, भय, और सभी कष्टों से उन्हें मुक्त कर देती है. मां कात्यायनी की पूजा से सभी भक्त अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष फलों की प्राप्ति होती है.
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हर तरफ नवरात्र की धूम मची हुई है, और कल नवरात्र की पंचमी तिथि को मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है. आपको बता दें कि देवासुर संग्राम में कुमार कार्तिकेय यानी कि भगवान स्कंद ने देवों के सेनापति की भूमिका निभाई थी.
आज नवरात्रि का चौथा दिन है, मां दुर्गा के नौ रुपों में से आज मां कूष्मांडा की पूजा की जाती है. पुराण में मां कूष्मांडा को आदिशक्ति के रूप में बताया गया है, आप लोगों की जानकारी के लिए बता दें कि मां की सच्चे मन से भक्ति और आराधना करने से कई तरह के रोग मिट जाते हैं.
नवरात्र का चौथा दिन देवी कुष्मांडा का होता है. देवी की पूजा उनके महामंत्र के बिना बिल्कुल न करें. वहीं, मां कुष्मांडा के बीजमंत्र का भी जाप कर सकते हैं.
नवरात्रि के त्योहार का लोगों को बेसब्री से इंतजार होता है. ये पर्व सिर्फ दिल्ली या पश्चिम बंगाल तक ही सीमित नहीं है. बल्कि नवरात्रि त्योहार देश के सभी राज्यों में धूमधाम से मनाया जाता है. दक्षिण से लेकर पश्चिम तक और उत्तर हो या पूर्व सभी राज्यों में नवरात्रि चंकाचौंध छाई रहती है. आइए आज हम आपकों देश के अलग अलग प्रांतो के नवरात्रि की सैर करवाते हैं.
चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व होता है. जैसा कि सब जानते हैं कि नौ दिनों तक चलने वाले नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है. नवरात्रि अष्टमी पर मां गौरी की पूजा की जाती है. मां गौरी की पूजा का विशेष महत्व होता है. इस अवसर पर पूजा-पाठ और कन्या पूजन किया जाता है.