आज देवशयनी एकादशी है, यानी अब आप आज से अगले चार माह तक कोई भी शुभ कार्य नहीं कर पाएंगे. आषाढ़ शुक्ल एकादशी से कार्तिक शुक्ल एकादशी तक शयनकाल होता है.
इस बार का सावन कुछ खास होगा. क्योंकि इस बार के सावन में पूरे 5 सोमवार पड़ेंगे, जिसे विशिष्ट संयोग माना जा रहा है
आपने अपने बड़े-बुजुर्गों से सुना ही होगा कि गुरुवार के दिन कुछ ऐसे काम हैं जिन्हें हमें कभी भूलकर भी नहीं करने चाहिए, आज हमारी खबर के माध्यम से जानें कि ऐसे वो कौन से काम हैं जिन्हें करने से हमारे जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
आज उड़ीसा के पूर्वी तट पर स्थित जगन्नाथ पुरी बड़े ही धूमधाम के साथ जगन्नाथ रथ यात्रा निकाली जाएगी, मंदिर के अलावा सप्तदेवलायों में भी जगन्नाथ रथ यात्रा महोत्सव को मनाया जाएगा.
शहर में भगवान जगन्नाथ की 140वीं रथयात्रा 25 जून-रविवार-को निकलेगी. इस बार की रथयात्री की विशेषता यह है कि भगवान जगन्नाथ यदुवंशी वेष धारण कर आम जनता को दर्शन देने निकलेंगे.
आज रमजान का आखिरी जुमा है लेकिन जमात उल विदा पर सार्वजनिक अवकास को रद्द कर दिया गया है. एक दिन पूर्व इसे लेकर काफी चर्चाएं भी हुई लेकिन फैसला इसके विपरीत ही निकला.
दो दिन बाद 24 जून को शनिश्चरी अमावस्या है, 10 साल बाद आषाढ़ मास की शनिश्चरीय अमावस्या पर विशेष संयोग बन रहा है.
क्या आपको पता है कि बुखार सिर्फ हम इंसानों को अपने चपेट में नहीं लेता है, बल्कि भगवान भी इसके शिकार हो जाते हैं. अगर आप अब तक इस बात से अनजान हैं तो ये जान लें कि पूरी दुनिया को रोगमुक्त करने वाले भगवान जगन्नाथ खुद हर साल बीमार हो जाते हैं. उन्हें भी हम इंसानों की तरह बुखार हो जाता है और उनका भी इलाज किया जाता है.
भगवान श्री जगन्नाथ जी की रथ यात्री की तैयारियां जोर-शोर से चल रही है. जगन्नाथ जी की रथ यात्रा 25 जून से शुरू होगी और इस रथ यात्रा के उत्सव को पारंपरिक तरीके से मनाया जाएगा. परंपरा के अनुसार, तुलसीजी का काढ़ा देकर भगवान जगन्नाथ का उपचार किया गया और वो मंगलवार को स्वस्थ्य हो गये.
हमारे आस-पास ऐसी बहुत सी चीजें होती हैं, जिन्हें लोग पूर्वजों की देखा-देखी करते तो हैं, मगर उसकी वजह से अनजान होते हैं. हिंदू धर्म में भी बहुत सी ऐसी मान्यताएं हैं, जिनके कारण कम ही लोग जानते हैं. ऐसे ही हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि अंतिम संस्कार में महिलाएं नहीं जा सकती हैं. हिंदुओं में महिलाओँ को श्मशान घाट पर जाने की सख्त मनाही है.