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Mangla Gauri Vrat 2023: द्विपुष्कर योग में मंगला गौरी व्रत के लिए जानें पूजन विधि और शुभ मुहूर्त

नई दिल्ली: श्रावण माह के मंगलवार को मंगला गौरी व्रत रखने की बहुत मान्यता है. इस बार 25 जुलाई यानी आज का चौथा मंगला गौरी व्रत पड़ रहा है. ये दिन सुहागिन महिलाओं के लिए अत्यंत अहम है जहां महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए उपवास करती हैं और माता मंगला गौरी के साथ-साथ […]

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  • Last Updated: July 25, 2023 08:13:14 IST

नई दिल्ली: श्रावण माह के मंगलवार को मंगला गौरी व्रत रखने की बहुत मान्यता है. इस बार 25 जुलाई यानी आज का चौथा मंगला गौरी व्रत पड़ रहा है. ये दिन सुहागिन महिलाओं के लिए अत्यंत अहम है जहां महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए उपवास करती हैं और माता मंगला गौरी के साथ-साथ शिवजी की पूजा आराधना करती हैं. इस साल का सावन के चौथे मंगला गौरी व्रत काफी ख़ास रहने वाला है जहां बेहद दुर्लभ संयोग बन रहा है.

 

शुभ संयोग में मंगला गौरी व्रत

मंगलवार यानी आज सिद्ध और साध्य योग बन रहा है जो दोपहर 3 बजकर 1 मिनट तक रहेगा. इसे बाद से साध्य योग प्रारंभ होने जा रहा है. जबकि मंगलवार को सुबह 5 बजकर 58 मिनट से लेकर 3 बजकर 9 मिनट तक द्विपुष्कर योग रहा. मंगला गौरी की पूजा इस शुभ संयोग में करने से विशेष फल प्राप्ति होती है.

पूजन विधि

माता मंगला गौरी की सावन के चौथे मंगलवार को विधिवत पूजा करने से उनका विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है. सुबह उठकर स्नान करें और साफ़ कपड़े धारण करें. इसके बाद हाथ में जल लेकर व्रत का संकल्प लें और मंदिर की साफ़-सफाई करें. एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर पार्वती देवी, भोले शंकर और गणेश की प्रतिमा स्थापित करें.

चौकी पर प्रतिमा स्थापना करने के बाद देवी को फल, फूल, मिठाई आदि अर्पित करें. पूजा में मां पार्वती को सिंदूर का तलाक करें और उनके सामने घी का दीपक भी प्रज्वलित करें. इसके बाद मां पार्वती को लाल चूड़ियां, लाल बिंदी, लाल चुनरी, मेहंदी आदि सुहाग का सामान अर्पित करें और व्रत कथा सुनें. पूजा के दौरान मंगला गौरी से सौभाग्य की प्रार्थना करें।

उपाय

आपका विवाह यदि मंगल दोष या किसी अन्य कारणों की वजह से नहीं हो पा रहा है तो आपको मां पार्वती और भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा-प्रार्थना करनी चाहिए. पूजा कर मंगला गौरी के चमत्कारी मंत्र ‘ॐ गौरीशंकराय नमः’ का 108 बार जाप करें और मां गौरी के चरणों में सिंदूर चढ़ाएं। इस सिंदूर का तिलक करें इससे शीघ्र विवाह के योग बनते हैं.