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शादी के 45 दिनों तक हनीमून पर क्यों नहीं जाना चाहिए? शास्त्रों का ये नियम बचा सकता था राजा रघुवंशी की जान

Post-Marital Physical And Emotional Adjustment: आजकल शादी होती नहीं हैं कि, उससे पहले ही कपल हनीमून का प्लान बना लेते हैं। मानों शादी के तुरंत बाद ही हनीमून पर जाना जैसे एक ट्रेंड ही बन चुका है।

Post-Marital Physical And Emotional Adjustment
inkhbar News
  • Last Updated: June 10, 2025 15:53:10 IST

Post-Marital Physical And Emotional Adjustment: आजकल शादी होती नहीं हैं कि, उससे पहले ही कपल हनीमून का प्लान बना लेते हैं। मानों शादी के तुरंत बाद ही हनीमून पर जाना जैसे एक ट्रेंड ही बन चुका है। बहुत से जोड़े विवाह की तारीख तय करने से पहले ही अपनी हनीमून डेस्टिनेशन, टिकट और होटल की बुकिंग भी कर लेते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि भारतीय संस्कृति में इसको लेकर क्या कहा गया है? हिन्दू धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, दूल्हा-दुल्हन को शादी के कम से कम 45 दिन बाद ही किसी ट्रिप या हनीमून पर जाना चाहिए। इसके पीछे धार्मिक ही नहीं, बल्कि मानसिक, शारीरिक और एस्ट्रोलॉजी से भी गहरी वजहें हैं।

क्या कहता है विज्ञान?

शास्त्रों में इस समय को “ऋतु शुद्धि”, “गृहस्थ व्रत” और “गर्भ संयम” कहा गया है, जबकि आजकल की भाषा में इसे “पोस्ट मैरिटल फिजिकल एंड इमोशनल एडजस्टमेंट” कहते हैं। इसका मतलब है कि शादी के बाद नई दुल्हन को विवाह के बाद अपने शरीर, मन और नए रिश्तों के साथ तालमेल बैठाने का समय मिलना चाहिए। विज्ञान के अनुसार, विवाह के तुरंत बाद लेडी के हार्मोनल और मानसिक बदलाव चरम पर होते हैं। ऐसे में उसे न सिर्फ शारीरिक रूप से आराम की जरूरत होती है, बल्कि भावनात्मक स्थिरता और पारिवारिक माहौल में ढलने के लिए समय भी चाहिए।

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शास्त्रों में कही गईं हैं ये बातें

इस संपूर्ण प्रक्रिया को शास्त्रों में “योनिक संयोजन” कहा गया है, जो तीन चरणों में विभाजित है। पहले 7 दिन पूर्ण विश्राम और स्थिरता के लिए होते हैं। इसके बाद 8 से 21 दिन मानसिक और भावनात्मक अनुकूलन के होते हैं। अंतिम चरण, यानी 22 से 45 दिन, ऊर्जा संतुलन, ग्रह दशाओं के प्रभाव से सामंजस्य और रिश्तों की गहराई को समझने के लिए उपयुक्त माने गए हैं। यह परंपरा अंधविश्वास नहीं, बल्कि नए वैवाहिक जीवन की नींव मजबूत करने का वैज्ञानिक और आध्यात्मिक तरीका है। इसलिए यदि आप शादी के बाद खुशहाल गृहस्थ जीवन चाहते हैं, तो 45 दिन बाद हनीमून पर जाना एक विचारणीय और लाभकारी निर्णय हो सकता है।

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Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है।पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इन खबर इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।