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घर की इस दिशा वास करते हैं राहु-केतु, गलती से भी न रखें यहां ये 5 चीजें, वरना आ सकती है बड़ी मुसीबत

हिंदू धर्म और वास्तु शास्त्र में राहु और केतु को छाया ग्रह माना गया है। इनका असर व्यक्ति के जीवन, स्वभाव और निर्णयों पर पड़ता है। माना जाता है कि घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा (नैऋत्य कोण) राहु-केतु का वास स्थान होती है।

Rahu-Ketu
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  • Last Updated: January 28, 2025 15:46:52 IST

नई दिल्ली: हिंदू धर्म और वास्तु शास्त्र में राहु और केतु को छाया ग्रह माना गया है। इनका असर व्यक्ति के जीवन, स्वभाव और निर्णयों पर पड़ता है। माना जाता है कि घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा (नैऋत्य कोण) राहु-केतु का वास स्थान होती है। इस दिशा का संतुलन बिगड़ने से घर में नकारात्मक ऊर्जा और अशांति का माहौल बन सकता है।

इसलिए, वास्तु शास्त्र में इस दिशा में विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। यदि आप इस दिशा में वास्तु दोष करते हैं या अनुचित वस्तुएं रखते हैं, तो इसका नकारात्मक प्रभाव आपके जीवन पर पड़ सकता है।

नैऋत्य कोण में न रखें ये 5 चीजें

1. टूटी हुई या खराब वस्तुएं: नैऋत्य कोण में टूटे हुए बर्तन, फर्नीचर, शीशा या अन्य खराब चीजें रखने से नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। ये राहु-केतु को और अधिक प्रभावी बनाती हैं, जिससे घर में कलह और आर्थिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

2. कचरा या गंदगी: इस दिशा में कचरा या गंदगी रखना बेहद अशुभ माना जाता है। इससे राहु-केतु की ऊर्जा बढ़ती है और स्वास्थ्य समस्याएं होने की संभावना बढ़ जाती है।

3. धातु का कूड़ादान: यदि आप नैऋत्य कोण में धातु का कूड़ादान रखते हैं, तो यह राहु के प्रभाव को सक्रिय कर सकता है। इससे मानसिक तनाव और आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।

4. पानी के स्रोत: इस दिशा में पानी का स्रोत जैसे पानी की टंकी या फव्वारा रखना अशुभ माना जाता है। यह राहु-केतु के संतुलन को बिगाड़ता है और घर में बीमारियों की संभावना बढ़ाता है।

5. धार्मिक प्रतीक: नैऋत्य कोण में धार्मिक प्रतीक या देवताओं की मूर्तियां रखना शुभ नहीं माना जाता। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा बाधित होती है और राहु-केतु का प्रभाव बढ़ता है।

सुधार के उपाय

इस दिशा को हमेशा साफ-सुथरा रखें। यदि नैऋत्य कोण में वास्तु दोष हो, तो वहां पिरामिड वास्तु उपकरण रखें। इस दिशा में भारी वस्तुएं रखना लाभकारी हो सकता है। दक्षिण-पश्चिम दिशा में नीले या काले रंग से बचें।

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