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संकष्टी चतुर्थी 2018 व्रत कथा: माताएं अपने बच्चों की सलामती के लिये रखती हैं ये व्रत

Magh Sankashti Chauth Vrat Katha in Hindi: संकष्टी चतुर्थी व्रत पर भगवान गणेश की पूजा की जाती है. संकष्टी चतुर्थी पर विधि विधान पूर्वक पूजा करने से सभी माताओं की मनोकामनाएं पूरी होती है. संकष्टी चतुर्थी 2018 व्रत कथा को पढ़ व्रत संपूर्ण किया जाता है. ये व्रत खासतौर पर माताएं अपने बच्चों की सलामती के लिये रखती हैं.

Sankashti Chaturthi 2018 Vrat Katha
inkhbar News
  • Last Updated: January 4, 2018 12:41:09 IST

नई दिल्ली. संकष्टी चतुर्थी व्रत खास तौर पर महिलाएं अपने बच्चों के लिये करेंगे. संकष्टी चतुर्थी व्रत को कर माताएं अपने बच्चों की लंबी आयु और सुख स्मृद्धि की कामना करती हैं. संकष्टी चतुर्थी 2018 खास तौर की पूजा विधि और कथा का खास महत्व होता है. संकष्टी चतुर्थी की विधि विधानपूर्वक पूजा करने से इस व्रत का फल अवश्य मिलता है. सकंष्टी व्रत में खासतौर पर गणपति की आराधना की जाती है. गणपति की पूजा कर महिलाएं अपना व्रत आरंभ करती हैं.

सकंष्टी व्रत कथा

भगवान शिव और माता पार्वती एक बार नदी किनारे बैठे हुए थे. तभी मां पार्वती को चोपड़ खेलने का मन करता है, लेकिन इस खेल को खेलने के लिए एक सदस्य की आवश्यकता होती है. क्योंकि हार जीत का फैसला तीसरा सदस्य करता है. इसलिए मां पार्वती ने मिट्टी से एक मूरत बना कर उसमें जान फूंक दी. और उस बालक को बोला तुम खेल का फैसला करना. खेल में हर बार मां पार्वती जीत जाती है. लेकिन बालक ने गलती से भगवान शिव का नाम ले लिया. जिसके पश्चात मां पार्वती ने कोध्रित होते हुए उस बालक को लंगड़ा बना दिया. उसके बाद बालक मां से क्षमा मांगने लगा. मां पार्वती ने बालक को उपाय बताया की संकष्टी व्रत के दिन यहां कन्याएं गणेश जी की पूजा करने आती है. उन कन्याओं से से व्रत और पूजा की विधि पूछना और पूरी श्रद्रा से वर्त रखना.

बालक पूरे विधि विधान व्रत वा पूजा पाठ करता है. एक दिन भगवान गणेश जी बालक को दर्शन देते हुए वरदान देते है. बालक गणेश जी से अपने माता पिता शिव पार्वती से मिलने वरदान मांगते है. जिसके बाद बालक कैलाश पर्वत माता पिता से मिलने पहुंच जाता है, लेकिन वहां मां पार्वती शिवजी से नाराज होकर कैलाश छोड़कर चली जाती है. शिव उस बालक से पुछते है कि श्राप से मुक्ति कैसे मिली बालक शिव को सब बताते हैं. उसके बाद शिवजी भी इस व्रत को करते है. मां पार्वती एक दिन अपने आप कैलाश लोट आती हैं. इस तरह गणेश जी व्रत करने से सभी मनोकामना पूरी होती है.

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सकंष्टी व्रत कथा वीडियो में सुनें-

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