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चांद दिखने के साथ तय हुई बकरीद की तारीख, जानिए कब है त्योहार

नई दिल्ली। इस्लाम धर्म में बकरीद का बहुत महत्व होता है। इन दिनों को मुस्लिम लोग धूम-धाम से मनाते हैं। इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक बकरीद जिल-हिज्जा महीने की 10वीं तारीख को मनाई जाती है। यह पर्व केवल कुर्बानी का प्रतीक नहीं होता है, बल्कि अल्लाह के प्रति समर्पण, त्याग और इंसानियत का भी प्रतीक होता […]

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  • Last Updated: May 29, 2025 11:41:56 IST

नई दिल्ली। इस्लाम धर्म में बकरीद का बहुत महत्व होता है। इन दिनों को मुस्लिम लोग धूम-धाम से मनाते हैं। इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक बकरीद जिल-हिज्जा महीने की 10वीं तारीख को मनाई जाती है। यह पर्व केवल कुर्बानी का प्रतीक नहीं होता है, बल्कि अल्लाह के प्रति समर्पण, त्याग और इंसानियत का भी प्रतीक होता है। आइए जानते हैं कि इस साल बकरीद का त्योहार भारत में किस तारीख को मनाया जाएगा।

जुल हिज्जा की पहली तारीख

बकरीद, जिसे ईद-उल-अजहा के नाम से भी जाना जाता है, मुस्लिम समुदाय का एक प्रमुख त्योहार होता है। यह इस्लाम धर्म के सबसे पवित्र त्योहारों में से एक है। इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक बकरीद जिल हिज्जा महीने की 10वीं तारीख को मनाया जाता है। इस बार बकरीद सऊदी अरब में 27 मई यानी मंगलवार को मगरीब की नमाज पढ़ी गई। नमाज के बाद जुल-हिज्जा का चांद देखा गया, जिसके बाद वहां 6 जून को बकरीद मनाए जाने की आधिकारिक घोषणा की गई। सऊदी अरब में बकरीद की तारीख निश्चित होने के बाद 28 मई की शाम यानी आज भारत में भी चांद नजर आ गया है। चांद दिखने के बाद तय हो गया है कि 29 मई यानी आज इस्लामिक कैलेंडर के आखिरी महीने ‘जिल हिज्जा’ की पहली तारीख है।

बकरीद मनाने की पीछे की वजह

भारत में जिल-हिज्जा की शुरुआत 29 मई से हो गई है। जिल हिज्जा की 10वीं तारीख 7 जून यानी शनिवार को बकरीद का पर्व मनाया जाएगा। इस पर्व की शुरुआत एक ऐतिहासिक और आध्यात्मिक घटना से जुड़ी है। इस्लामिक मान्यता के मुताबिक अल्लाह ने हजरत इब्राहिम की आस्था की परीक्षा लेने के बारे में सोचा। जिसके बाद हजरत इब्राहिम से अपनी सबसे प्यारी चीज कुर्बान करने को कहा। हजरत इब्राहिम के लिए उनका बेटा हजरत इस्माइल सबसे प्रिय थे। अल्लाह के हुक्म को मानते हुए, उन्होंने अपने बेटे की कुर्बानी देने का फैसला लिया। लेकिन जब उन्होंने अपने बेटे के गले पर छुरी चलाई, तो अल्लाह ने एक चमत्कार कर दिया। हजरत इस्माइल की जगह एक जानवर कुर्बान हो गया। इसी घटना की याद में बकरीद पर कुर्बानी दी जाती है।

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