नई दिल्ली: रसोई घर को घर की ऊर्जा का केंद्र माना जाता है। यह न केवल भोजन बनाने की जगह है, बल्कि यहां की ऊर्जा परिवार के सदस्यों की सेहत और मानसिक स्थिति पर भी गहरा प्रभाव डालती है। यदि रसोई में वास्तु दोष होता है, तो इससे नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न हो सकती है, जो स्वास्थ्य समस्याओं, रिश्तों में तनाव और आर्थिक परेशानियों का कारण बन सकती है। आइए जानते हैं रसोई से जुड़े वास्तु दोष और उनके समाधान।
1. रसोई की दिशा का गलत होना: वास्तु के अनुसार, रसोई का स्थान घर के दक्षिण-पूर्व (अग्नि कोण) में होना चाहिए। यदि रसोई उत्तर-पूर्व, उत्तर या दक्षिण में स्थित है, तो यह वास्तु दोष पैदा कर सकता है।
2. गैस चूल्हे और पानी का स्थान: गैस चूल्हा और पानी का स्थान एक-दूसरे के पास नहीं होना चाहिए क्योंकि यह अग्नि और जल के टकराव का संकेत देता है। इससे घर में कलह और सेहत से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।
3. रसोई में कबाड़ का जमाव: रसोई में कबाड़ या अनुपयोगी वस्तुएं रखने से नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह सेहत और मानसिक तनाव का कारण बन सकता है।
4. भोजन बनाने की दिशा: खाना बनाते समय मुख का दिशा उत्तर या पूर्व की ओर होना चाहिए। पश्चिम या दक्षिण दिशा में मुख करके खाना बनाने से घर के सदस्यों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है।
रसोई को दक्षिण-पूर्व यानी अग्नि कोण में होना चाहिए। पानी के कनेक्शन और गैस चूल्हे को अलग-अलग स्थानों पर रखें। इनके बीच कम से कम 2-3 फीट की दूरी होनी चाहिए। रसोई में अनावश्यक सामान न रखें और इसे हमेशा साफ-सुथरा रखें। पुरानी या टूट-फूट वाली वस्तुओं को तुरंत हटा दें। खाना बनाते समय पूर्व दिशा की ओर मुख करें। यह सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देता है और स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है। रसोई में हल्के और गर्म रंगों का उपयोग करें, जैसे नारंगी, पीला या हल्का गुलाबी। काले और गहरे रंगों से बचें क्योंकि यह नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित कर सकते हैं।
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