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Vat Savitri Vrat 2018: पति की लंबी आयु के लिए विवाहित महिलाएं इस खास मुहूर्त में करें पूजा

Vat Savitri Vrat: वट सावित्री का व्रत हर वर्ष ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या को मनाया जाता है. इस साल 2018 में वट सावित्री 15 मई 2018 को मनाया जा रहा है. इस व्रत को सौभाग्य, संतान और पति की लंबी आयु के लिए महिलाए कामना करती है. इस दिन वट सावित्री व्रत कथा का विशेष महत्व होता है.

Vat Savitri Vrat 2018 puja timings, vidhi and importance of fast in married womans
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  • Last Updated: May 15, 2018 12:19:38 IST

नई दिल्ली. वट पूर्णिमा का त्यौहार मुख्य रूप से उन महिलाओं द्वारा मनाया जाता है जो भारत के पश्चिमी घाट राज्यों में रहती हैं. वट पौर्णिमा के दिन महिलाएं अपने पति के कल्याण और उनकी लंबी आयु के लिए प्रार्थना करती है. त्यौहार में महिलाओं को दिन भर उपवास करना और भगवान से प्रार्थना करती है. एक शुभ बरगद के पेड़ के चारों ओर लाल और नारंगी धागे को बांध उसके चारों और घूमती है और वट सावित्री की पूजा और उससे जुड़े गीत गाती है.

ताकि वे अपने पूरे जीवन में एक ही पति को प्राप्त कर सकें. विवाहित महिलाएं अपने पूरे परिवार के कल्याण के लिए प्रार्थना करती हैं. इस व्रत को वट सावित्री के नाम से इसीलिए जाना जाता है क्योंकि इस दिन सावित्री सत्यवान की कथा का प्राथमिकता है. कहा जाता है कि सावित्री ने अपने मरते हुए पति की आत्मा को मृत्यु देवता, यम से वापस छीन लाई थी. पौराणिक कथा यह है कि एक बरगद के पेड़ के नीचे, सावित्री अपने मरे हुए पति की देखभाल कर रही थीं जब मौत के दूत आए तो उन्हें खाली हाथ वापस लौटना पड़ा क्योंकि सावित्री ने अपने पति को देने से इंकार कर दिया था.

वट पौर्णिमा के दिन महिलाएं संतों को बांस की टोकरी में मिठाई और फल देती हैं. वहीं विवाहित महिलाएं आज के दिन नई साड़ी और श्रृंगार कर बाकी महिलाओं की ओटी यानी साड़ी के पल्लू में उन्हें चावल और हल्दी-कुंक लगे हुए आम देती है. वहीं महाराष्ट्र में वट सावित्री पूजा का खास महत्तव है. अलग अलग कैलेंडर के हिसाब से वट पौर्णिमा का त्योहार हर राज्य में अलग अलग दिन मनाया जाता है. महाराष्ट्र में वट पौणिर्मा 27 जून को मनाया जाएगा. 

Vat Savitri vrat 2018 Shubh Muhurat
अमावस्या तिथि आरंभ: 14 मई 2018 सोमवार 19:46
अमावस्या तिथि समापन: 15 मई 2018 बुधवार 17:17

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