मुंबई: विवाह पंचमी भगवान राम और सीता माता की शादी की वर्षगांठ उत्सव के रूप में मनाई जाती है. विवाह पंचमी हर साल मार्गशीर्ष शुक्ल की पंचमी को मनाई जाती है क्योंकि इस दिन ही भगवान राम का विवाह सीता माता के साथ हुआ था, इस बार यह 23 नवंबर को मनाई जाएगी. विवाह पंचमी का दिन बेहद शुभ माना जाता है. इस लोग मर्यादा पुरुष श्री राम का विवाह शक्ति स्वरूपा सीता के साथ करवाते हैं. हिंदू मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान राम और सीता का विवाह करवाना काफी शुभ माना जाता है.
हिन्दूशास्त्रों के अनुसार इस दिन पूरी विधि-विधान के साथ भगवान राम और माता सीता का विवाह करवाने से कई वरदान प्राप्त होते हैं. इस पूजा से विवाह में आ रही समस्याएं दूर होती हैं और मनचाहा वर मिलता है. इसके अलावा विवाह पंचमी पर भगवान राम और सीता की शादी करवाने और इनकी विधि-विधान के साथ पूजा करने से वैवाहिक जीवन में आ रही समस्याओं का भी समाधान होता है. इसके अलावा विवाह पंचमी के भगवान राम और माता सीता की संयुक्त रूप से उपासना करने से विवाह होने में आ रही बाधाओं का नाश होता है.
ऐसे करें भगवान राम और सीता माता का विवाह
सुबह-सुबह उठकर सबसे पहले स्नान करके श्री राम विवाह का संकल्प लें. नहाने के बाद भगवान राम और सीता माता के विवाह का कार्यक्रम का आरम्भ करें. इसके लिए भगवान् राम और माता सीता की मूर्ति की स्थापना करें. मूर्ति की स्थापना के बाद राम जी को पीले वस्त्र और सीता माता को लाल वस्त्र पहनाएं या अर्पित करें. इसके बाद या तो भगवान राम और सीता के समक्ष बालकाण्ड में विवाह प्रसंग का पाठ करें या “ॐ जानकीवल्लभाय नमः” का जप करें. मंत्रों का उच्चारण करने के बाद माता भगवान राम और माता सीता का गठबंधन करें, उनकी आरती करें. आरती होने के बाद गांठ लगे कपड़ों को अपने पास संभाल कर रख लें.
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