नई दिल्ली। हिंदू धर्म में विवाह आदि का अति विशेष महत्व है। शादी एक ऐसा बंधन है जहां से दो लोगों की जिंदगी की नई शुरुआत होती है। विवाह के समय कपड़ों से लेकर खाने और शादी के कार्ड को भी विशेष महत्व दिया जाता है। लेकिन कई बार लोग अपने मनपसंद के शादी का कार्ड को बनवाने के चलते कुछ चीजों को नजरअंदाज कर देते हैं। मगर वास्तु शास्त्र (Wedding Card Vastu) में वेडिंग कार्ड को लेकर कई तरह के नियम बताए गए है। जिनका पालन किया जाए तो वैवाहिक जीवन खुशहाल रहता है और विवाह में भी किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं आती।
शादी के कार्ड को लेकर इन बातों का रखें ध्यान
- वास्तु शास्त्र के अनुसार शादी (Wedding Card Vastu) का कार्ड बनवाते समय, कार्ड पर कुछ चीजों को बनवाना जैसे कमल की आकृति बेहद शुभ मानी जाती है। माना जाता है कि इससे वैवाहिक जीवन खुशहाल रहता है।
- वास्तु शास्त्र के अनुसार शादी का कार्ड बनवाते समय, इसके आकार का विशेष ध्यान रखें। कभी भी बड़ा या ट्रायएंगल शेप का कार्ड नहीं बनवाना चाहिए। शादी का कार्ड सिंपल और चार ओर कोनों वाला हो तो शुभ माना जाता है। चार कोनों का शादी का कार्ड सुख, समृद्धि, शांति और खुशहाली का प्रतीक होता है।
- वास्तु शास्त्र के जानकारों के अनुसार, शादी के कार्ड के रंग का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। यह कभी गहरे रंग का नहीं होना चाहिए। यानी भूल से भी काले, भूरे जैसे डार्क रंग कलर का शादी का कार्ड न बनवाएं। साथ ही शादी के कार्ड पर दूल्हा-दुल्हन या अन्य परिजनों का नाम भी किसी भी गहरे रंग से नहीं लिखा होना चाहिए।
- वास्तु शास्त्र के अनुसार शादी का कार्ड बनवाने के लिए सबसे शुभ रंग पीला होता है। पीले के अलावा आप लाल या लाइट कलर में भी शादी का कार्ड बनवा सकते हैं।
- वास्तु शास्त्र के अनुसार इस बात का ध्यान रखें कि शादी के कार्ड में इस्तेमाल किया जाना वाला कागज खुशबूदार हो। ऐसा होने से हर काम मंगलमय होता है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।)