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कब है कालाष्टमी, जानिए इस दिन दान करने से क्या मिलते हैं लाभ, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

हिंदू धर्म में कालाष्टमी का विशेष महत्व है, जो प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन भगवान शिव के रौद्र रूप, काल भैरव की पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि इस व्रत के पालन से जीवन के समस्त कष्ट दूर होते हैं और भगवान काल भैरव की कृपा प्राप्त होती है।

Kalashtami
inkhbar News
  • Last Updated: February 12, 2025 13:09:58 IST

नई दिल्ली: हिंदू धर्म में कालाष्टमी का विशेष महत्व है, जो प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन भगवान शिव के रौद्र रूप, काल भैरव की पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि इस व्रत के पालन से जीवन के समस्त कष्ट दूर होते हैं और भगवान काल भैरव की कृपा प्राप्त होती है।

कालाष्टमी की तिथि और शुभ मुहूर्त

फरवरी 2025 में कालाष्टमी व्रत 20 फरवरी को रखा जाएगा। कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का आरंभ 20 फरवरी को सुबह 9:58 बजे होगा और इसका समापन 21 फरवरी को सुबह 11:57 बजे होगा। इसलिए, 20 फरवरी को कालाष्टमी व्रत और भगवान काल भैरव की पूजा करना शुभ माना गया है।

कालाष्टमी की पूजा विधि

1. प्रातःकालीन तैयारी: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

2. मूर्ति स्थापना: घर के पूजा स्थल में भगवान काल भैरव की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।

3. अभिषेक: पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, और शक्कर) और गंगाजल से भगवान का अभिषेक करें।

4. श्रृंगार: भगवान को इत्र, सफेद फूलों की माला पहनाएं और चंदन का तिलक लगाएं।

5. दीप प्रज्वलन: सरसों के तेल का दीपक जलाएं।

6. भोग अर्पण: फल, मिठाई, और घर में बने मिष्ठान्न का भोग लगाएं।

7. पाठ और मंत्र जाप: ‘काल भैरव अष्टक’ का पाठ करें और भगवान के मंत्रों का जाप करें।

8. आरती: अंत में भगवान काल भैरव की आरती करें और प्रसाद वितरण करें।

दान का महत्व और लाभ

कालाष्टमी के दिन दान का विशेष महत्व है। इस दिन काले कुत्ते को रोटी खिलाना, गरीबों को भोजन कराना, और जरूरतमंदों को वस्त्र दान करना शुभ माना जाता है। ऐसा करने से जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं, वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनी रहती है, और भगवान काल भैरव की कृपा से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

व्रत के नियम

व्रत के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें। मांस, मदिरा, और नशीले पदार्थों का सेवन न करें। किसी से विवाद या कटु वचन का प्रयोग न करें। नकारात्मक विचारों से दूर रहें और मन को शांत रखें। कालाष्टमी का व्रत और पूजा विधिपूर्वक करने से भगवान काल भैरव की कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन के समस्त संकट दूर होते हैं और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

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