नई दिल्ली: माघ माह की पूर्णिमा के दिन जगत के पालन हार भागवन विष्णु की पूजा होती है। ऐस माना जाता है कि इस दिन विधि-विधान से व्रत और पूजन करने से जीवन में खुशियां बनी रहती है। इस बार माघ माह की पूर्णिमा तथि लेकर कन्फ्यूजन बना हुआ है।तो आइए जान लें माघ पूर्णिमा का व्रत किस दिन किया जाएगा और पूजा करने का शुभ मुहूर्त क्या है।
हिंदू पंचांक के अनुसार, माघ मास की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत मंगलवार, 11 फरवरी 2025 को शाम 6 बजकर 55 मिनट पर शुरू होगी। वहीं तिथि का समापन बुधवार 12 फरवरी को शाम 7 बजकर 22 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार, इस बार माघी पूर्णिमा का व्रत 12 फरवरी को किया जाएगा। माघ पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान और दान विशेष महत्व है। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में 5:01 से 6:10 बजे तक रहेगा, जो स्नान और दान के लिए उत्तम समय माना जाता है। शाम के समय गोधूलि बेला होती है। अमृत काल, शाम से रात तक का समय भी स्नान के लिए महत्वपूर्ण है।
प्रात: काल पवित्र नदी या घर पर ही स्नान करें। यदि संभव हो तो गंगा, यमुना या सरस्वती नदी के संगम स्थल पर स्नान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें और “ॐ सूर्याय नमः” मंत्र का जाप करें। भगवान विष्णु और माता लक्ष की विधिवत पूजा करें। उन्हें पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य आदि अर्पित करें और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। इस दिन तिल, गुड़, वस्त्र, अन्न, कंबल आदि का दान करना अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है। गरीबों और जरूरतमंदों को भोजाना भी शुभ होता है।
माघ पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान औदान करने से विशेष प्की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि इस दिन देवी-देवता धरती पर आते हैं, और इस अवसर पर किए गए स्नान-दान से जमें सुख-समृद्धि आती है। इसके अतिरिक्त इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को दान करने से विशेष पुण्य मिलता है। इस पूजा और व्रत से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। इस प्रकार, माघ पूर्णिमा का दिन आध्यात्मिक साधना, दान-पुण्य और भगवान की आराधना के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। सभी श्रद्धालुओं को इस पावन अवसर का लाभ उठाना चाहिए।
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