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कब है मौनी अमावस्या, जानिए इस दिन का महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

हिन्दू धर्म में अमावस्या का काफी महत्व है। इनमें से एक है मौनी अमावस्या। माघ माह की अमावस्या को मौनी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। इसके अलावा मौनी अमावस्या को माघी अमावस्या भी कहते हैं।

Mauni Amavasya
inkhbar News
  • Last Updated: January 16, 2025 15:00:43 IST

नई दिल्ली: हिन्दू धर्म में अमावस्या का काफी महत्व है। इनमें से एक है मौनी अमावस्या। माघ माह की अमावस्या को मौनी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। इसके अलावा मौनी अमावस्या को माघी अमावस्या भी कहते हैं। ऐसी मान्यता है कि मौनी अमावस्या के दिन पवित्र त्र नदी में स्नान और दान करने से जीवन के दुख दूर होते हैं। इससे घर में खुशहाली का माहौल बना रहता है और देवी-देवताओं के साथ-साथ ग्रहों की भी कृपा होती है। आइए जानते हैं मौनी अमावस्या का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि?

कब है मौनी अमावस्या

मौनी अमावस्या 2025 में शनिवार, 28 जनवरी को मनाई जाएगी। इस दिन स्नान, ध्यान और दान का विशेष महत्व होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, पौष मास की अमावस्या को मौनी अमावस्या कहा जाता है। इस दिन गंगा स्नान और मौन व्रत का पालन करने से पापों का नाश होता है और जीवन में शांति आती है।

मौनी अमावस्या का शुभ मुहूर्त

माघ माह की अमावस्या तिथि का आरंभ 28 जनवरी, दिन बुधवार को शाम 7 बजकर 35 मिनट पर होगा। वहीं, इसका समापन 29 जनवरी, दिन गुरुवार को शाम 6 बजकर 5 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, मौनी अमावस्या 29 जनवरी को मनाई जाएगी। इस दिन 29 जनवरी के दिन सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। यह योग सुबह ब्रह्म मुहूर्त से रात 9 बजकर 22 मिनट तक रहने वाला है। इस प्रकार, स्नान, ध्यान और दान का सबसे शुभ समय 30 जनवरी को सुबह सूर्योदय से दोपहर तक माना जाएगा। मौनी अमावस्या के दिन लाभ-उन्नति योग सुबह 7 बजकर 11 मिनट से सुबह 8 बजकर 32 मिनट तक रहेगा।

मौनी अमावस्या का महत्व

मौनी अमावस्या का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व अत्यधिक है। यह दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु और गंगा माता को समर्पित होता है। इस दिन गंगा में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसे मौन रहने और आत्मचिंतन का दिन भी माना जाता है। पुराणों के अनुसार, इस दिन मौन व्रत रखने से मनुष्य के अंदर सकारात्मक ऊर्जा का विकास होता है और नकारात्मकता का नाश होता है।

मौनी अमावस्या के धार्मिक कार्य

यह दिन गंगा नदी में स्नान करने के लिए विशेष है। अगर गंगा नदी तक नहीं पहुंचा जा सके, तो घर पर ही स्नान में गंगाजल मिलाकर स्नान करना भी पुण्यदायक माना गया है। इस दिन मौन रहने का विशेष महत्व है। इससे मन की शुद्धि होती है और आत्मा को शांति मिलती है। मौनी अमावस्या पर दान का विशेष महत्व है। इस दिन अन्न, वस्त्र, और धन का दान करने से कई गुना पुण्य मिलता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना बेहद शुभ माना जाता है।

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