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कौनसी रामायण हैं असली ? राजन जी महाराज ने कर दिया खुलासा, जानिए उनका व्यापारी से  कथावाचक बनने तक का सफर

भारत अपनी संतो की महत्ता से जाना जाता है। इस भारत की भूमि पर कई ऐसे कथावाचक रहे हैं जिनके भजन सुनकर इंसान आनंदित हो जाता है, उनमें से एक हैं राजन जी महाराज, जिनके भजन भारत के हर एक घर में सुबह-सुबह सुने जाते हैं। हाल ही में INKHABAR की टीम ने उनका इंटरव्यू लिया।

rajan ji maharaj
inkhbar News
  • Last Updated: January 16, 2025 14:59:33 IST

नई दिल्ली: भारत अपनी संतो की महत्ता से जाना जाता है। इस भारत की भूमि पर कई ऐसे कथावाचक रहे हैं जिनके भजन सुनकर इंसान आनंदित हो जाता है, उनमें से एक हैं राजन जी महाराज, जिनके भजन भारत के हर एक घर में सुबह-सुबह सुने जाते हैं। हाल ही में INKHABAR की टीम ने उनका इंटरव्यू लिया। इस इंटरव्यू में उन्होंने कई अहम खुलासे किए, भोजपुरी का महत्व बताया, रामायण की असली रूप की चर्चा की और कई सवालों का शालीनता से उत्तर दिया।

 व्यापार से महाराज बनने तक का सफर

राजन जी महाराज ने इंटरव्यू के दौरान कई खुलासे किए और बताया कि वे कैसे व्यापारी से महाराज बने। राजन जी महाराज कहते हैं, “मैंने ग्रेजुएशन में B.Sc. किया था और मेरी इच्छा डॉक्टर बनने की थी, लेकिन मुझे पिताजी के व्यापार में शामिल होना पड़ा। इसके बाद, 2009 में मैंने कथावाचक बनने का फैसला लिया। इस फैसले को लेते समय मुझे बहुत कठिनाई हुई, लेकिन मेरे गुरुजी ने मुझे आश्वस्त किया था कि सब मंगलमय होगा।”

बच्चे को नहीं करने दिया जा रहा संघर्ष

महाराज इंटरव्यू के दौरान कहते हैं, “मेरे पिताजी कभी मेरे स्कूल में कदम नहीं रखे, लेकिन जहां मैं 12वीं का एग्जाम देने गया था, वहां छात्रों के साथ उनके परिवार वाले भी आए थे। ब्रेक टाइम में वे अपने बच्चों को राजा की तरह ट्रीट कर रहे थे। ये सब देखकर मुझे हंसी आ रही थी, क्योंकि मेरा मानना है कि बच्चों को थोड़ा कठोर बनने देना चाहिए, तभी उनका डर बाहर निकलेगा।”

 

भोजपुरी भाषा से प्यार

महाराज ने गहरी आवाज में कहा, “मुझे अपनी भाषा पर गर्व है, क्योंकि आज उसी भोजपुरी ने मुझे वो सब कुछ दिया है, जो मैं हूं।” इसके बाद उनका चेहरा एक अजीब सी चिंता से बदल गया और उन्होंने एक सवाल किया, “क्या आप समझते हैं? गुजराती, मराठी, बंगाली ये सभी लोग अपनी-अपनी भाषा पर गर्व करते हैं। वो अपनी भाषा में बात करते हैं, अपने लोगों से अपनी भाषा में जुड़ते हैं। लेकिन बिहार में, हैरानी की बात ये है कि हम जब बाहर मिलते हैं तो अपनी प्यारी भोजपुरी में बात नहीं करते!” महाराज जी ने एक पल के लिए रुक कर गंभीरता से कहा, “भोजपुरी से मीठी और प्यारी कोई भाषा हो ही नहीं सकती। ये भाषा हमारे दिलों में बसती है।”

कौन सी रामायण है असली?

हिंदू धर्म में एक ऐसा सवाल है, जो हमेशा बहस का विषय बना रहता है कि कौन सी रामायण असली है? आज के युवा और आने वाली पीढ़ी यदि इस पर विचार करें, तो महाराज का कहना है कि दोनों रामायण असली हैं। दोनों को अपने-अपने समय के अनुसार सही कहा गया है, क्योंकि भगवान हर युग में जन्म लेते हैं।  हमें दोनों रामायणों को गहराई से पढ़ना चाहिए।

इस वीडियो का लिंक इस खबर के बीच में दिया गया है। कृपया विस्तार से जानें कि राजन जी महाराज ने अपनी कामयाबी, अपनी भाषा, अपने जीवन का सफर और रामायण की असली रूप के बारे में क्या बताया। यह एक धमाकेदार इंटरव्यू है, जिसे आप जरूर देखें। अपनी व्यक्तिगत राय कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें।

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