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गणेश चतुर्थी के दिन क्यों चंद्रमा के दर्शन नहीं करने चाहिए, जानें वजह

नई दिल्ली:  गणेश चतुर्थी हिन्दू पंचांग के अनुसार भाद्रपद शुक्ल मास की चतुर्थी तिथि को बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है। इस वर्ष गणेश चतुर्थी आज यही 7 सितंबर को है। हिंदू धर्म में उदया तिथि से ही व्रत और त्योहारों की शुरुआत हो जाती है। गणेश चतुर्थी के दिन लोग अपने घर में […]

गणेश चतुर्थी के दिन क्यों चंद्रमा के दर्शन नहीं करने चाहिए, जानें वजह
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  • Last Updated: September 7, 2024 21:22:04 IST

नई दिल्ली:  गणेश चतुर्थी हिन्दू पंचांग के अनुसार भाद्रपद शुक्ल मास की चतुर्थी तिथि को बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है। इस वर्ष गणेश चतुर्थी आज यही 7 सितंबर को है। हिंदू धर्म में उदया तिथि से ही व्रत और त्योहारों की शुरुआत हो जाती है। गणेश चतुर्थी के दिन लोग अपने घर में गणेश जी की मूर्ति स्थापित करते हैं।

हर व्यक्ति अपनी क्षमता के अनुसार 3,5,7 या 10 दिनों तक गणेश जी की सेवा करता है और उसके बाद उनका विसर्जन कर दिया जाता है। मान्यता है कि गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा के दर्शन नहीं होते हैं। जो भी व्यक्ति चंद्रमा को देख लेता है, उस पर झूठा आरोप लगता है। आइए जानते हैं चंद्र दर्शन क्या है?

इस मंत्र का जरुर जाप करें

अगर गलती से आपको इस दिन चंद्रमा दिख जाए तो मान्यता के अनुसार इस दिन-

प्रसेनमवधीतसिंहो जाम्बवता हतः। सुकुमारक मारोदिस्तव ह्येष स्यामंतक: ॥’

मंत्र जाप करना चाहिए। इस मंत्र का जाप करने से आप पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है। मान्यता है कि अगर आपको गणेश चतुर्थी के दिन चांद दिख जाए तो आपको गणेश जी के लिए व्रत रखना चाहिए।

अगर आपको इस दिन चांद दिख जाए तो भगवान गणेश की पूजा करें और गरीबों को खाने की चीजें दान करें। इन सबके अलावा आपको जामवंत, भगवान श्री कृष्ण और स्यमंतक मणि की कथा सुननी चाहिए।

गणेश चतुर्थी पर भगवान की पूजा करने से सभी तरह के संकटों से मुक्ति मिलती है। ऐसे में अगर आपको गणेश चतुर्थी के दिन गलती से भी चांद दिख जाए तो आपको 27 बुधवार को गणेश मंदिर में जाकर उनकी पूजा करनी चाहिए।

चंद्रमा दिखने पर आपको उसी ही दिन गणेश जी की पूजा करनी चाहिए। भगवान गणेश को दूब की 21 गांठें चढ़ाएं। इस उपाय को करने से चंद्र दर्शन का दोष खत्म हो जाता है।

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