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अमेरिकी रिपोर्ट का दावा- चीन की ईंट से ईंट बजाने के लिए भारत के पास पर्याप्त न्यूक्लियर पॉवर

भारत के बारे में जगजाहिर है कि भारत एक जिम्मेदार परमाणु शक्ति है और किसी पर पहले परमाणु हमला कभी नहीं करेगा ये भारत बार बार कहता आया है. लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि भारत की परमाणु ताकत किसी से कम है. अमेरिका से एक ऐसी रिपोर्ट आई है जिसने चीन और पाकिस्तान में खलबली मचा दी है.

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  • Last Updated: July 13, 2017 18:17:55 IST
नई दिल्ली: भारत के बारे में जगजाहिर है कि भारत एक जिम्मेदार परमाणु शक्ति है और किसी पर पहले परमाणु हमला कभी नहीं करेगा ये भारत बार बार कहता आया है. लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि भारत की परमाणु ताकत किसी से कम है. अमेरिका से एक ऐसी रिपोर्ट आई है जिसने चीन और पाकिस्तान में खलबली मचा दी है. 
 
रिपोर्ट कहती है कि भारत के पास सौ से भी ज्यादा एटम बम मौजूद हैं और जरूरत पड़ने पर भारत दो सौ तक परमाणु बम बना सकता है. भारत के खिलाफ लगातार साजिश में जुटे चीन और पाकिस्तान की बौखलाहट और बढ़ गई है. इसकी वजह है अमेरिका की वो रिपोर्ट जिसने चीन और पाकिस्तान दोनों को हिला दिया है.
 
 
अमेरिका का दावा है कि भारत के पास कम से कम 200 परमाणु बम बनाने की क्षमता है. जिनसे करीब 130 न्यूक्लियर वॉरहेड बनाया जा चुका है. भारत की परमाणु क्षमता को लेकर अब तक कयास ही लगते रहे थे लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है जब अमेरिकी वैज्ञानिकों ने भारत की परमाणु बम बनाने की क्षमता पर खुली रिपोर्ट जारी की है.
 
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के पास करीब 600 किलो प्लूटोनियम है जिससे कम से कम 200 एटम बम बनाए जा सकते हैं. इतना ही नहीं रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया है कि भारत ने जमीन से लेकर समंदर तक ऐसे ऐसे न्यूक्लियर कैपेबल सिस्टम डेवलप कर लिए हैं जिनसे न्यूक्लियर पावर से लैस मिसाइलें दागी जा सकती हैं.
 
ये न्यूक्लियर मिसाइलें चीन और पाकिस्तान दोनों देशों के किसी भी इलाके को टारगेट कर सकती हैं. अमेरिका के दो वैज्ञानिकों ने इंडियन न्यूक्लियर फोर्सेस 2017 नाम से एक रिपोर्ट छापी है. भारत के पास 600 किलो प्लूटोनियम है जो 150 से 200 न्यूक्लियर वॉरहेड्स के लिए काफी है.
 
 
हालांकि भारत इस पूरे एटमी मटीरियल को न्यूक्लियर वॉरहेड्स में तब्दील नहीं करेगा. अभी तक की जानकारी के मुताबिक हमारा अनुमान है कि भारत अब तक 120 से 130 न्यूक्लियर वॉरहेड्स बना चुका है और कई वॉरहेड्स और बनाए जा रहे हैं. भारत ने साल 1974 में ही पोखरण में न्यूक्लियर टेस्ट करके परमाणु बम बनाने की क्षमता हासिल कर ली थी.
 
उसके बाद 1998 में भी भारत ने पोखरण में परमाणु परीक्षण करके दुनिया को हैरान कर दिया था लेकिन न्यूक्लियर वॉरहेड यानी एटम बम बनाने का काम हाल के सालों में तेज हुआ है. अमेरिकी रिपोर्ट में भी इस बात का जिक्र किया गया है.
 
बता दें कि भारत के पास जमीन, आसमान और समंदर तीनों जगह न्यूक्लियर अटैक करने की क्षमता है. फाइटर जेट और मिसाइलों के जरिये भारत दुश्मन के किसी भी टार्गेट को खाक कर सकता है. अमेरिकी वैज्ञानिकों ने भी भारत की इस क्षमता का जिक्र किया है.
 
इंडियन न्यूक्लियर फोर्सेस 2017 नाम से छपे लेख में कहा गया है कि भारत न केवल अपने हथियारों का मॉडर्नाइजेशन कर रहा है बल्कि नए न्यूक्लियर वेपन्स सिस्टम्स डेवलप भी कर रहा है. हमें लगता है कि भारत के पास मौजूदा वक्त में 7 न्यूक्लियर कैपेबल सिस्टम हैं, जिनमें 2 एयरक्राफ्ट, जमीन से दागी जाने वाली 4 और एक सी-बेस्ड बैलिस्टिक मिसाइल शामिल हैं.
 
न्यूक्लियर कैपेबल सिस्टम का मतलब है जहां से दुश्मन देश पर परमाणु हथियार दागे जाते हैं. विशेषज्ञों की मानें तो इन सात न्यूक्लियर कैपेबल सिस्टम के अलावा भारत फिलहाल कम से कम चार और न्यूक्लियर कैपेबल सिस्टम पर तेजी से काम कर रहा है. इनमें लंबी दूरी की जमीन और समुद्र से छोड़ी जाने वाली मिसाइलें भी शामिल हैं जिन्हें अगले कुछ सालों में तैनात कर दिया जाएगा.
 
 
भारत शुरू से ही ये कहता रहा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है और भारत की ओर से कभी परमाणु हमला नहीं किया जाएगा पर जिस तरह चीन ने और फिर उसकी मदद से पाकिस्तान ने परमाणु कार्यक्रम चला रखे हैं उसे देखते हुए ये जरूरी हो जाता है कि आत्मरक्षा के लिए भारत के पास भी एटम बम हों.
 
पाकिस्तान के मुकाबले भारत को ज्यादा खतरा चीन से है जिसके पास भारत से ज्यादा परमाणु बम मौजूद हैं इसलिए भारत भी चीन को ही ध्यान में रखकर अपनी परमाणु ताकत बढ़ा रहा है.
 
चीन ने परमाणु हमला किया तो भारत कैसे पलटवार करेगा. इतनी लंबी दूरी तक परमाणु हथियार कैसे ले जाए जाएंगे तो आपको बता दें कि भारत अग्नि-4 और अग्नि-5 जैसी इंटरकॉन्टिनेंटल मिसाइलें बना चुका है जो पाकिस्तान तो चीन के चप्पे चप्पे को टारगेट कर सकती हैं.
 
(वीडियो में देखें पूरा शो)

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