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डोकलाम में तनाव के बीच जिनपिंग ने कहा- युद्ध के लिए तैयार रहे चीनी सेना

डोकलाम पर बौखलाए ड्रैगन ने एक बार फिर फुफकारा है. इस बार चीन ने हजारों सैनिक मैदान में उतार दिए हैं. लड़ाकू विमानों, मिसाइलों और टैंकों से लैस चीनी सेना ने सबसे बड़ा शक्ति प्रदर्शन किया है. चीन का बहाना सेना की सालगिरह का और दिखावा ताकत के अहंकार का.

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  • Last Updated: July 30, 2017 16:17:05 IST
नई दिल्ली: डोकलाम पर बौखलाए ड्रैगन ने एक बार फिर फुफकारा है. इस बार चीन ने हजारों सैनिक मैदान में उतार दिए हैं. लड़ाकू विमानों, मिसाइलों और टैंकों से लैस चीनी सेना ने सबसे बड़ा शक्ति प्रदर्शन किया है. चीन का बहाना सेना की सालगिरह का और दिखावा ताकत के अहंकार का.
 
इससे चीन के सैनिकों ने तिब्बत में जमकर मिलिट्री एक्सरसाइज की थी. चीन ने तिब्बत में अपने दो टैंक उतारकर भारत को डराने की कोशिश की थी और अब चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी अपनी पूरी ताकत के साथ मैदान में उतर आई है. खास बात ये है कि चीन की सेना को खुद उसके राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने युद्ध के लिए तैयार रहने को कहा है.
 
 
एक अगस्त को चीनी सेना की 90वीं सालगिरह है और चीन इस मौके का इस्तेमाल भारत पर दबाव बनाने के लिए कर रहा है. पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी के स्थापना दिवस से पहले चीन ने अपनी सैनिक ताकत की जो तस्वीरें जारी की हैं उसका मकसद बताने की जरूरत नहीं. दरअसल डोकलाम में चीनी सेना की साजिश नाकाम होने के बाद अब ड्रैगन अपनी पूरी सैनिक ताकत दिखाकर भारत को डराना चाहता है.
 
अंतरराष्ट्रीय मोर्च पर जबरदस्त किरकिरी होने के बाद वो अपनी हैसियत दिखाकर दुनिया को हड़काना करना चाहता है. उत्तरी चीन के इनर मंगोलिया इलाके का जूरहि सैन्य बेस है. एशिया का सबसे बड़ा मिलिट्री बेस यहीं हो रही है चीन के आर्मी डे की परेड. 
 
 
चीन का जूरहि सैन्य बेस करीब एक हजार वर्ग किलोमीटर इलाके में फैला है जहां चीनी सेना ने अपना दम-खम दिखाया. इस परेड में चीन के 12 हजार सैनिक शामिल हुए. इसमें PLA के 36 फॉर्मेंशन्स ने हिस्सा लिया. इस परेड में चीन ने पहली पार इंटर कॉन्टिनेंटल बैलेसिट्क मिसाइल डीएफ-31एजी को भी शामिल किया.
 
एशिया के सबसे बड़े ट्रेनिंग बेस पर अपनी सेना उतारकर चीन ने साफ कर दिया है कि उसकी मंशा क्या है. कहने को ये चीनी सेना का सालाना परेड है पर इस परेड में चीन ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. लड़ाकू विमान, हेलिकॉप्टर, टैंक और मिसाइल समेत चीन ने अपनी सैनिक ताकत की एक एक तस्वीर दुनिया के सामने रख दी है. पिछले कुछ सालों में ये चीन का सबसे बड़ा शक्ति प्रदर्शन है.
दरअसल डोकलाम विवाद के बाद पिछले एक महीने में चीन कई बार इसी तरह अपनी ताकत की नुमाइश कर चुका है. कुछ दिन पहले चीन ने तिब्बत में अपने दो शक्तिशाली टैंक उतारे थे. उसके बाद चीनी सेना ने सिक्किम बॉर्डर के पास तिब्बत में युद्धाभ्यास किया. जिसमें जमकर गोलाबारी की गई और अब चीन ने अपनी सेना की सबसे बड़ी ताकत दिखाकर अपना खतरनाक इरादा जाहिर कर दिया है.
 
 
इस मौके पर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने क्या कहा कि चीन को हमला करने वाले सभी दुश्मन को हराने और विश्व शांति की रक्षा’ के लिए पहले से कहीं ज्यादा मजबूत सेना की जरूरत है. हमारे वीर सशस्त्र बलों में हमलावर दुश्मनों को हराने और राष्ट्रीय संप्रभुता, सुरक्षा और विकास हितों की रक्षा करने का आत्मविश्वास और क्षमता है.
 
जिनपिंग ने इस मौके पर अपनी सेना से साफ साफ कहा कि वो जंग के लिए तैयार रहे. जितना ज्यादा हो सके खुद को मजबूत बनाए. इतना ही नहीं चीनी राष्ट्रपति ने युद्ध जैसी आपात स्थिति के लिए स्पेशल फोर्स बनाने की बात कही. मतलब साफ है चीन अपनी सैनिक ताकत बढ़ाने की बात कहकर एक तरह से भारत को जंग के लिए उकसा रहा है. उसे अपनी ताकत का गरूर है पर सुन लो चीन अगर हिंदुस्तान के हौसले से टकराए तो ये सारा घमंड चूर चूर हो जाएगा.
 
(वीडियो में देखें पूरा शो)

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