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अब हवाई ताकत को मजबूत कर रही है मोदी सरकार, चीन-पाकिस्तान के छूटे पसीने

चीन-पाकिस्तान के साथ तनातनी के बीच भारत ने आर्मी के लिए पहली बार इस अटैक हेलीकॉप्टर का सौदा किया है. जी हां अटैक हेलीकॉप्टर. हेलीकॉप्टर कई तरह के होते हैं. कई हेलीकॉप्टर ट्रान्सपोर्ट के लिए इस्तेमाल होते हैं. कई तरह के हेलीकॉप्टर एविएशन के लिए.

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  • Last Updated: August 20, 2017 17:57:56 IST
नई दिल्ली: चीन-पाकिस्तान के साथ तनातनी के बीच भारत ने आर्मी के लिए पहली बार इस अटैक हेलीकॉप्टर का सौदा किया है. जी हां अटैक हेलीकॉप्टर. हेलीकॉप्टर कई तरह के होते हैं. कई हेलीकॉप्टर ट्रान्सपोर्ट के लिए इस्तेमाल होते हैं. कई तरह के हेलीकॉप्टर एविएशन के लिए. कई हेलीकॉप्टर खोजी ऑपरेशन में लगाए जाते हैं.
 
पहली बार आर्मी के पास अपना अटैक हेलीकॉप्टर हो इसके इंतजाम किए गए हैं. अमेरिकी कंपनी बोइंग से ऐसे 6 अटैक हेलीकॉप्टर की खरीद की गई है. ये हेलीकॉप्टर हिमालय के इलाके में चीन पर कड़ी नजर रखेंगे. ये अपाचे हेलीकॉप्टर हैं. दुनिया का सबसे ख़तरनाक अटैक हेलीकॉप्टर. इंडियन आर्मी के पास ऐसे छह लड़ाकू हेलीकॉप्टर आने वाले हैं.
 
 
इस अटैक हेलीकॉप्टर में लगा 30 एमएम का गन दुश्मन के लिए काल है. अमेरिकन आर्मी ने अपाचे हेलीकॉप्टर के जरिए तालिबान और अलकायदा के खिलाफ कई सफल ऑपरेशन किए. अपाचे की सबसे बड़ी खूबी है कि इस अटैक हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल बेहद छोटे ऑपरेशन से लेकर बड़े-बड़े ऑपरेशन में भी किया जा सकता है.
 
पहाड़ी इलाके से लेकर मैदानी इलाके में हर जगह अपाचे दुश्मन पर काल बनकर टूटता है. अब यही अटैक हेलीकॉप्टर इंडियन आर्मी को मिलने जा रहा है. अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर आर्मी को मिलेगा. फिलहाल इसकी संख्या 6 है.
 
 
दरअसल आर्मी की तरफ से लंबे समय से अटैक हेलीकॉप्टर की मांग की जा रही है ताकि बॉर्डर के इलाके में होने वाले SOG यानी स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सके. इसके अलावा आर्मी इसका इस्तेमाल जरूरत पड़ने पर आपात हालात में भी कर सकती है.
 
इंडियन एयरफोर्स के पास इससे पहले दो तरह के अटैक हेलीकॉप्टर हैं. पहला रूसी एमआइ-25। दूसरा ये एमआइ-35. इन दो कैटेगरी के अटैक हेलिकॉप्टरों का बेंड़ा एयरफोर्स के पास है लेकिन दिक्कत ये है कि मिग सिरीज की तरह ये अटैक हेलीकॉप्टर भी पुराने पड़ चुके हैं. लिहाजा एयरफोर्स और आर्मी दोनों को हर हाल में अटैक हेलीकॉप्टर की नई खेप चाहिए.
 
 
खासकर तब जब भारत के दोनों बॉर्डर चीन और पाकिस्तान पर युद्ध का ख़तरा मंडरा रहा है. दरअसल, इन तमाम बातों को देखते हुए रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार 17 अगस्त को बड़ा फैसला लिया और अमेरिकी कंपनी बोइंग से 4168 करोड़ में छह अपाचे लड़ाकू हेलीकपॉप्टर के सौदे को मंजूरी दे दी. ये हेलीकॉप्टर आर्मी के पास होगा और आर्मी के पास लड़ाकू हेलीकॉप्टर का पहला बेड़ा होगा.
 
हेलीकॉप्टर के लिए सौदा सितंबर 2015 में ही हुआ था. तब अमेरिकी सरकार से हुए करार में 22 अपाचे हेलीकॉप्टर और 15 चिकून भारी मालवाहक हेलीकॉप्टर का सौदा हुआ. लेकिन बदले हालात में ये जरूरी है कि आर्मी की QRT यानी क्वीक रिस्पॉन्स टीम इतनी ताकतवर हो कि जरूरत पड़ने पर वो दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब दे सके. इसलिए आर्मी को सबसे पहले 6 अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर दिए जा रहे हैं.
 
 
कुल मिलाकर भारत तेजी से अपनी रक्षा जरूरतों को एक-एक कर पूरा कर रहा है. अपाचे हेलीकॉप्टर की खेप 2020 तक आ सकती है और इसके आते ही हिन्दुस्तान के अटैक हेलीकॉप्टर का बेड़ा काफी मजबूत हो जाएगा.

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