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रेयान स्कूल की घटना के बाद इन स्कूलों के अंदर सिक्योरिटी चेक करने पहुंचा इंडिया न्यूज

आज प्रश्नकाल में सवाल उन प्राइवेट स्कूलों से है जो फीस लेते समय हमारी-आपकी जेब काट लेने पर आमदा रहते हैं. लेकिन जब सुविधाएं और सुरक्षा देने की बारी आती है तो उनकी बोलती बंद हो जाती है.

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  • Last Updated: September 12, 2017 17:58:56 IST
नई दिल्ली: आज प्रश्नकाल में सवाल उन प्राइवेट स्कूलों से है जो फीस लेते समय हमारी-आपकी जेब काट लेने पर आमदा रहते हैं. लेकिन जब सुविधाएं और सुरक्षा देने की बारी आती है तो उनकी बोलती बंद हो जाती है.
 
गुड़गांव के रेयान स्कूल में मासूम प्रद्युमन की हत्या के बाद से अब हर वो मां-बाप चिंतिंत हैं. जिन्होंने महंगे स्कूल में बच्चे का एडमिशन कराकर ये समझ लिया कि उनका बच्चा सुरक्षित हाथो में है.
 
प्रश्नकाल में आज हम कई स्कूलों का रिएलिटी टेस्ट दिखाएंगे. इस रिएलिटी टेस्ट में हमने ये जानने की कोशिश की है कि स्कूल बस कैसे हैं, स्कूल के स्टाफ कैसे हैं ? क्या स्टाफ का वेरिफिकेशन होता है. दिल्ली के स्कूलों में फायर सुरक्षा को लेकर जब हमने तफ्तीश की तो हैरान करने वाला सच सामने आया है.
 
हम आज जो रिपोर्ट दिखा रहे हैं, इसको सिर्फ देखिए मत बल्कि आवाज भी उठाइए. ये सोचकर चुप नहीं रह जाइए कि स्कूल कहीं हमारे बच्चे को न निकाल दे. अरे बच्चा जिंदा रहेगा तभी पढ़ेगा और अगर आप गलत चीजों के लिए सही आवाज उठाएंगे तो किसी स्कूल की मजाल नहीं कि वो आपके बच्चे को निकाल दे या आपको तंग करे.
 
सोशल मीडिया पर वायरल ये वीडियो ग्रेटर नोएडा का है. जब गुड़गांव के रेयान स्कूल में 7 साल के बच्चे की हत्या हो गई तो स्कूल के अंदर सिक्योरिटी को लेकर चिंतित मम्मी-पापा ग्रेटर नोएडा रेयान में भी पहुंचे. 
 
डीपीएस वसुंधरा में क्या हाल है
गाजियाबाद में डीपीएस वसुंधरा स्कूल के स्कूल बस में एक बच्ची के साथ साल 2012 में रेप की वारदात हुई थी. खबर है कि बच्ची के मां-बाप ने इसके बाद शहर को ही अलविदा कह दिया. डीपीएस, इंदिरापुरम का हाल देखा. लेकिन अब आपको दिल्ली के एक पब्लिक स्कूल का हाल दिखाते हैं.
 
पूर्वी दिल्ली के पटपड़गंज में ये मायोस पब्लिक स्कूल है. इंडिया न्यूज़ के संवाददाता दीपक डालमिया इस स्कूल में तब पहुंचे जब छुट्टी हो रही थी और उन्होंने स्कूल की कैब का रिएलिटी टेस्ट किया. क्या देखा आप भी देखिए कल को इस स्कूल के कैब में कोई वारदात हो जाए तो आप सबूत ढूंढते रहिए. क्योंकि न ड्राइवर का पता है,न कैब का.
 
अब जरा दिल्ली-NCR के एक और बड़े शहर में चलिए. फरीदाबाद के रेयान स्कूल में सुरक्ष जांच के लिए जब मम्मी-पापा पहुंचे तो उन्होंने क्या देखा और कैमरे पर क्या कहा वो सुनिए. इस बयान का साफ मतलब आप समझ सकते हैं. और ये हर मम्मी-पापा का दर्द है.
 
जो अपनी पेट काटकर अपने बच्चों को इन महंगे स्कूलों में पढ़ाते है. और स्कूल हैं कि उन्हें सिर्फ अपने धंधे से मतलब है. उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में कई पब्लिक स्कूल चलाती हैं. इन्होंने अपने स्कूल में बच्चों की सुरक्षा का कैसा इंतजाम किया है. एक मोबाइल एप बनाया है. जिसके जरिए आप घर से, दफ्तर से ये देख सकते हैं कि आपका बच्चा स्कूल में क्या कर रहा है.

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