नई दिल्ली: दुबई में रविवार को भारतीय क्रिकेट टीम ने इतिहास रच दिया। टीम इंडिया ने न्यूजीलैंड को 4 विकेट से हराकर रिकॉर्ड तीसरी बार चैंपियंस ट्रॉफी अपने नाम की। इस ऐतिहासिक जीत में श्रेयस अय्यर का प्रदर्शन शानदार रहा। मिडिल ऑर्डर में उन्होंने लगातार बेहतरीन पारियां खेलकर टीम को मजबूत किया।

मुझे उसमें खास टैलेंट दिखा था

भारतीय टीम की इस कामयाबी के बाद अय्यर के बचपन के कोच प्रवीण आमरे ने उनके प्रदर्शन पर खुशी जताई। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि अय्यर की प्रतिभा बचपन से ही नजर आ रही थी। “जब श्रेयस 12 साल का था और मेरे पास आया, तभी मुझे उसमें खास टैलेंट दिखा था। हम बस उसकी स्किल्स को निखारने का काम कर रहे थे। आज भी अगर वह मैच के दौरान कोई गलती करता है, तो मैं उसे नोट कर लेता हूं और मिलने पर उस पर काम करता हूं,” आमरे ने कहा।

श्रेयस पर गर्व है

उन्होंने इस ऐतिहासिक जीत को पूरी टीम की मेहनत का नतीजा बताया। “श्रेयस पर गर्व है, लेकिन यह खुशी पूरी टीम को लेकर है। हम सिर्फ एक खिलाड़ी की बात नहीं कर सकते। रोहित शर्मा और विराट कोहली ने भी उसे काफी प्रेरित किया है,” आमरे ने जोड़ा। श्रेयस अय्यर का इस टूर्नामेंट में प्रदर्शन बेहतरीन रहा। उन्होंने पांच मैचों में 48.60 की औसत से 243 रन बनाए, जिसमें 16 चौके और 5 छक्के शामिल थे। पूरे टूर्नामेंट में वह भारत के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे और ओवरऑल लिस्ट में दूसरे स्थान पर रहे।

अय्यर का सफर यहीं खत्म नहीं हुआ

प्रवीण आमरे को विश्वास है कि अय्यर का सफर यहीं खत्म नहीं हुआ है। उन्होंने कहा, “श्रेयस ने टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन बनाने का इतिहास बनाया है। अभी उसे देश के लिए और भी बड़ी उपलब्धियां हासिल करनी हैं। उसकी काबिलियत जितनी नजर आती है, उससे कहीं ज्यादा है। हम जल्द मिलेंगे और आगे की रणनीति बनाएंगे।” उन्होंने अपनी क्रिकेट अकादमी में युवा खिलाड़ियों को तैयार करने की प्रतिबद्धता भी जताई। “हम और भी खिलाड़ियों को ट्रेन कर रहे हैं। हमारा लक्ष्य देश के लिए बेहतरीन क्रिकेटर्स तैयार करना है, जो भविष्य में ऐसी ट्रॉफी जीतकर लाएं,” आमरे ने कहा।

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