Mitchell Johnson: WTC में हार के बाद पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर मिचेल जॉनसन ने जोश हेजलवुड पर निशाना साधा है। उनका यह बयान ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल हारने के बाद आया है। दक्षिण अफ्रीका ने फाइनल में गत चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को 5 विकेट से हराकर 27 साल बाद अपना दूसरा आईसीसी खिताब जीता। जॉनसन का मानना है कि हेजलवुड ने अपनी राष्ट्रीय टीम से पहले आरसीबी को प्राथमिकता दी।
रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने प्लेऑफ क्वालीफायर-1 में पंजाब किंग्स को हराकर फाइनल में जगह बनाई और फिर फाइनल में भी इसी टीम को हराकर अपना पहला आईपीएल खिताब जीता। जोश हेजलवुड टीम के लिए स्टार गेंदबाज साबित हुए, जो प्लेऑफ के लिए खास तौर पर ऑस्ट्रेलिया से भारत लौटे थे।
भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच आईपीएल 2025 को बीच में ही स्थगित कर दिया गया था, जिसके बाद 17 मई से इसे दोबारा शुरू किया गया। दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ियों के लिए वापसी करना मुश्किल था, क्योंकि उन्हें इंग्लैंड में वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल खेलना था। हेजलवुड, पैट कमिंस के साथ WTC फाइनल टीम का हिस्सा थे, लेकिन उन्होंने IPL के बचे हुए मैचों के लिए भारत लौटने का फैसला किया। हालांकि, दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ी वापस तो लौटे, लेकिन प्लेऑफ से पहले वे अपनी राष्ट्रीय टीम में लौट आए।
जॉनसन ने कहा, “जोश हेजलवुड पिछले कुछ समय से फिटनेस समस्याओं से जूझ रहे हैं, लेकिन उन्होंने राष्ट्रीय टीम की बजाय IPL में वापसी का फैसला किया। इससे वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल की तैयारियों पर बड़ा सवाल खड़ा होता है।”
जोश हेजलवुड ने पहली पारी में 15 ओवर फेंके और उन्हें सिर्फ 1 विकेट मिला। कमिंस ने इस पारी में 6 विकेट लिए। दक्षिण अफ्रीका की दूसरी पारी में भी उन्हें सिर्फ एक विकेट मिला, वह भी तब जब अफ्रीका जीत की कगार पर था और उन्हें सिर्फ 6 रन चाहिए थे। इस पारी में हेजलवुड ने 19 ओवर में 58 रन दिए।
हेजलवुड के आईपीएल में प्रदर्शन की बात करें तो उन्होंने 12 मैचों में 22 विकेट लिए, वे आरसीबी के लिए सबसे ज्यादा और लीग में तीसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे।
उन्होंने कहा, “मिचेल स्टार्क, हेजलवुड, पैट कमिंस और नाथन लियोन का हमारा सफल ‘बिग फोर’ गेंदबाजी आक्रमण भविष्य में पक्का नहीं माना जा सकता। अगर सीनियर खिलाड़ी एशेज के बाद सिर्फ रिटायरमेंट तक ही टिके रहेंगे तो सवाल उठता है कि क्या यह सही मानसिकता है। जरूरी है कि हम भविष्य को ध्यान में रखते हुए आगे के फैसले लें। नए खिलाड़ियों के चयन में आत्मविश्वास दिखाएं।”
जॉनसन ने आगे कहा, “सैम कॉन्स्टा, जोश इंग्लिस और स्कॉट बोलैंड जैसे खिलाड़ी अलग तरह से सोचते हैं। बेशक वे 36 साल के हैं, लेकिन जब भी उन्हें मौका मिलता है, वे खुद को साबित करने के लिए आतुर रहते हैं। मैं उम्रदराज खिलाड़ियों के खिलाफ नहीं हूं, जिनके साथ हमने काफी कुछ हासिल किया है। लेकिन कुछ कड़े फैसले लेने होंगे। वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज में यह सही मौका होगा।”