नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच के रूप में गौतम गंभीर के चयन के बाद उनके कोचिंग स्टाइल पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। यह पहले ही अंदाजा था कि अगर गौतम गंभीर को यह जिम्मेदारी दी जाती है, तो टीम में कई बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। इस बीच, पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज जहीर खान ने गंभीर के कोचिंग के बारे में एक अहम बयान दिया है। उनका मानना है कि बदलावों और लचीलापन के नाम पर अगर टीम में असुरक्षा का माहौल बनेगा, तो यह टीम के लिए हानिकारक हो सकता है।
टीम के मुख्य खिलाड़ियों में असुरक्षा की भावना
जहीर खान ने कहा कि यदि आप बदलाव करते हैं तो यह आवश्यक है कि आप कुछ नियमों का पालन करें, ताकि टीम के मुख्य खिलाड़ियों में असुरक्षा की भावना न पैदा हो। उनके अनुसार, एक कोच को यह समझना होगा कि नंबर एक और दो की स्थिति स्थिर रहनी चाहिए, जबकि बाकी स्थिति में लचीलापन रखा जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि बदलाव के दौरान एक निश्चित प्रोटोकॉल और संवाद का पालन होना चाहिए, जिससे चीजें बेहतर तरीके से आगे बढ़ें और टीम का मनोबल बना रहे।
दोनों कोच की मानसिकता में बड़ा अंतर है
जहीर ने राहुल द्रविड़ और गौतम गंभीर की कोचिंग शैली की तुलना भी की। उनका कहना था कि दोनों कोच की मानसिकता में बड़ा अंतर है और यह तो भविष्य ही बताएगा कि गौतम गंभीर के नए प्रयोग भारतीय क्रिकेट के लिए लाभकारी साबित होंगे या नहीं। बहरहाल, यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी चैंपियंस ट्रॉफी में भारतीय टीम का प्रदर्शन कैसा रहता है, खासकर जब टीम हाल ही में कुछ बड़े मैचों में हार का सामना कर चुकी है।
Read Also : मनु भाकर की शानदार वापसी, पेरिस ओलंपिक्स के बाद पहली बार निशानेबाजी में मचाया धमाल!