नई दिल्ली: अमेरिका के लॉस एंजिल्स में होने वाले ओलंपिक 2028 को लेकर एक बड़ा फैसला लिया गया है। इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी (IOC) ने पहली बार कंपाउंड मिक्स्ड टीम ऑर्चरी को ओलंपिक में शामिल करने की घोषणा की है। अब तक ओलंपिक में सिर्फ रिकर्व ऑर्चरी को ही जगह मिली थी, लेकिन अब कंपाउंड ऑर्चरी को भी आधिकारिक रूप से ओलंपिक का हिस्सा बना दिया गया है। इस फैसले को भारत के खेल जगत के लिए एक गेम-चेंजर माना जा रहा है, क्योंकि भारतीय तीरंदाज इस श्रेणी में लगातार शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं।
पिछले कुछ वर्षों में कंपाउंड ऑर्चरी की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी है। वर्ल्ड ऑर्चरी के अनुसार, 1972 में ऑर्चरी के ओलंपिक में वापसी के बाद पहली बार किसी नई शैली को ओलंपिक में जोड़ा गया है। वर्ल्ड ऑर्चरी के अध्यक्ष उगुर एर्डनर ने इस फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह उन लाखों कंपाउंड तीरंदाजों के लिए बड़ी उपलब्धि है जो लंबे समय से ओलंपिक में अपनी जगह बनाने की उम्मीद कर रहे थे। उन्होंने IOC प्रमुख थॉमस बाक का भी इस समर्थन के लिए धन्यवाद किया।
एर्डनर ने कहा कि उन्हें तीरंदाजी समुदाय और खिलाड़ियों की मेहनत पर गर्व है और वह इस बात को लेकर उत्साहित हैं कि लॉस एंजिल्स ओलंपिक में कंपाउंड तीरंदाज क्या प्रदर्शन करेंगे। बता दें कि कंपाउंड ऑर्चरी की शुरुआत अमेरिका में हुई थी और इसे 2013 में पहली बार विश्व खेलों में जगह मिली थी।
भारत के लिए यह फैसला एक बड़ी राहत और अवसर की तरह है। हाल ही में भारत ने तीरंदाजी विश्व कप के पहले चरण में कंपाउंड पुरुष टीम स्पर्धा में कांस्य पदक जीता था। अभिषेक वर्मा, ओजस देवताले और ऋषभ यादव की तिकड़ी ने डेनमार्क को 230-223 से हराकर दमदार प्रदर्शन किया। अब जब कंपाउंड ऑर्चरी ओलंपिक में भी शामिल हो गई है, तो भारत के पदक जीतने की संभावनाएं और अधिक बढ़ गई हैं।
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