कोलकाता: भारत और श्रीलंका के बीच कोलकाता में खेले जा रहे पहले टेस्ट के दौरान दिलरुवान परेरा के डीआरएस विवाद को लेकर श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड ने सफाई दी है. एसएलसी ने अपने बयान में कहा है कि परेरा ने भारत के खिलाफ पहले टेस्ट मैच के चौथे दिन डीआरएस के लिये ड्रेसिंग रूम की सहायता नहीं ली थी. मेहमान टीम के बोर्ड की तरफ से बयान जारी करके कहा गया कि ड्रेसिंग रूम से कोई संदेश नहीं मिला था. दरअसल परेरा ये समझ नहीं पाए कि उनकी टीम के पास रिव्यू बचा है या नहीं और इसी वजह से उन्हें डीआरएस की मांग करने में ज्यादा समय लगा. परेरा ने दूसरे छोर पर खड़े साथी बल्लेबाज रंगना हेराथ को अंपायर नाइजेल लांग से पूछते सुना था कि क्या उनकी टीम का कोई रिव्यू बचा है. अंपायर के हां कहने पर वह लौटे थे और रिव्यू की मांग की थी. श्रीलंका का हरेक खिलाड़ी एवं अधिकारी आइसीसी के नियमों का सम्मान करता है और उसका पालन करने के लिए खुद को बाध्य मानता है.
बता दें कि मैच के 57वें ओवर में मोहम्मद शमी की गेंद पर श्रीलंकाई बल्लेबाज दिलरुवान परेरा की ऐसी हरकत कैमरे की कैद हो गई जो क्रिकेट ने नियमों पर सवाल उठा दिया है. शमी की गेंद पर एलबीडब्ल्यू आउट होने के बाद दिलरुवान पवेलियन की तरफ लौट रहे थे तभी अचानक मुड़कर अंपायर से डीआरएस की मांग कर ली. वीडियो देखने से साफ पता चल रहा है कि परेरा ने रिव्यू लेने का फैसला अचानक से लिया है. जबकि पहले तो वे खुद को आउट मानकर विकेट से दो कदम आगे निकल भी गए थे.
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तभी ड्रेसिंग रूप से कोई हरकत हुई और फिर वे अचानक मुड़कर अंपायर से रिव्यू की डिमांग कर दी. हालांकि रिव्यू का फैसला श्रीलंका के लिए सही साबित हुआ लेकिन परेरा की ऐसी हरकत ने विवाद गहरा गया है. क्रिकेट के नियमानुसार बल्लेबाजी कर रहा कोई भी बल्लेबाज बाहर बैठे खिलाड़ियों यो सपोर्टिंग स्टाफ से रिव्यू के बारे में नहीं पूछ सकता. लेकिन वीडियो में साफ दिख रहा है कि आउट होकर चल पड़े परेरा के दिमाग में अचानक रिव्यू लेने का विचार कहा से आया. मैच की कमेंट्री कर रहे कमेंटेटर ने भी इस मुद्दे पर बातचीत की और इस पर सवाल उठाए. हालांकि यह पहला ऐसा मामला नहीं है जब किसी क्रिकेटर ने अपने विकेट के लिए क्रिकेट को शर्मसार किया हो इससे पहले ऑस्ट्रेलिया टीम के कप्तान स्टीव स्मिथ भी कुछ ऐसा ही कर चर्चा में आ गए थे.