नई दिल्ली: युवराज सिंह ने 2011 में भारत को वनडे विश्व कप जीतने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और उन्हें उस टूर्नामेंट का ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’ भी चुना गया था। हालांकि, इस दौरान उन्हें कैंसर का सामना करना पड़ा था। अब उनके पिता योगराज सिंह ने इस बारे में बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अगर युवराज कैंसर से जूझते हुए भी भारत को विश्व कप जिता देते, तो उन्हें गर्व होता।
‘अनफिल्टर विद समदीश’ को दिए गए एक इंटरव्यू में योगराज सिंह ने कहा, “अगर युवराज सिंह कैंसर के बावजूद भारत को वर्ल्ड कप दिला देते और वह जान से भी चले जाते, तो मैं एक गर्वित पिता होता। मुझे आज भी उस पर गर्व है। मैंने उसे फोन पर भी यह बात बताई थी। मैं चाहता था कि वह तब भी खेले जब वह खून की उल्टी कर रहा था। मैंने उसे कहा था, ‘तुम्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है, तुम नहीं मरोगे, भारत के लिए यह वर्ल्ड कप जीतना है।'”
इसके बाद योगराज सिंह ने यह भी कहा कि अगर युवराज ने उनकी सलाह मानी होती और उसी तरह मेहनत की होती जैसे उन्होंने की, तो वह एक और महान क्रिकेटर बन सकते थे। उन्होंने कहा, “अगर युवराज सिंह ने अपनी मेहनत में मेरे जैसा 10 प्रतिशत भी लगाया होता, तो वह महान क्रिकेटर बन जाते।”
युवराज ने 2011 विश्व कप में शानदार प्रदर्शन किया था। उन्होंने 90.50 की औसत से 362 रन बनाए और 9 मैचों में 25 की औसत से 15 विकेट भी लिए।
युवराज सिंह ने अपने करियर में कुल 40 टेस्ट, 304 वनडे और 58 टी20 इंटरनेशनल मैच खेले। टेस्ट में उन्होंने 1900 रन बनाए और 9 विकेट लिए। वनडे में उन्होंने 8701 रन बनाए और 111 विकेट लिए, जबकि टी20 इंटरनेशनल में उन्होंने 1177 रन बनाए और 28 विकेट लिए।
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