नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में होने वाले मुकाबले में टॉस की भूमिका अहम रहने वाली है। रोहित शर्मा और मोहम्मद रिजवान दोनों चाहेंगे कि टॉस उनके पक्ष में गिरे, क्योंकि इससे उनकी टीम को रणनीति बनाने में मदद मिलेगी। आइए, आंकड़ों के आधार पर समझते हैं कि दुबई में टॉस जीतने वाले कप्तान को पहले बल्लेबाजी करनी चाहिए या पहले गेंदबाजी।
दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम की खासियत यह है कि यहां ओस का प्रभाव नहीं पड़ता, जिससे रात के समय गेंदबाजों को ज्यादा परेशानी नहीं होती। पिछले रिकॉर्ड देखें तो यहां टॉस जीतने वाले कप्तान अधिकतर पहले गेंदबाजी करना पसंद करते हैं।
इन 10 मैचों में 7 बार पहले गेंदबाजी करने वाली टीम ने जीत दर्ज की है। इस मैदान पर कुल 58 वनडे खेले गए हैं, जिनमें से 35 मैच पहले गेंदबाजी करने वाली टीम के पक्ष में गए हैं। इन आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि दुबई में पहले गेंदबाजी करना फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि लक्ष्य का पीछा करना आसान साबित हुआ है।
भारतीय टीम ने दुबई में कुल 7 वनडे मैच खेले हैं, जिनमें से 6 में उसे जीत मिली है और केवल 1 मैच में हार का सामना करना पड़ा है। इन 6 जीत में से 5 बार भारत ने लक्ष्य का पीछा करते हुए जीत दर्ज की है। यह दर्शाता है कि दुबई में चेज़ करना भारत के लिए अधिक सफल रणनीति रही है।
दुबई की पिच बल्लेबाजों के लिए अनुकूल मानी जाती है, लेकिन स्पिनर्स की इसमें अहम भूमिका रहती है। खासकर मिडिल ऑर्डर में रन बनाना चुनौतीपूर्ण होता है।यदि पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम 325 रन तक का स्कोर खड़ा करती है, तो दूसरी पारी में लक्ष्य का पीछा करने वाली टीम पर दबाव बन सकता है। इसके बावजूद, अधिकांश टीमों ने लक्ष्य का पीछा करते हुए बेहतर प्रदर्शन किया है।