नई दिल्ली: पाकिस्तान क्रिकेट लगातार उतार-चढ़ाव का सामना कर रहा है। टीम का कप्तान, कोच और मैनेजमेंट बार-बार बदलता रहता है, जिससे प्रदर्शन पर भी असर पड़ रहा है। हाल ही में, पूर्व क्रिकेटर दानिश कनेरिया ने पाकिस्तान में अपने साथ हुए भेदभाव का मुद्दा उठाया है। उन्होंने दावा किया है कि अल्पसंख्यक समुदाय से होने के कारण उन्हें क्रिकेट में समान अवसर नहीं मिले और उनके करियर को प्रभावित करने की कोशिश की गई।
दानिश कनेरिया हाल ही में वाशिंगटन, अमेरिका में एक कार्यक्रम में शामिल हुए, जहां पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ होने वाले व्यवहार पर चर्चा हुई। इस दौरान उन्होंने बताया कि उन्हें पाकिस्तान में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। कनेरिया के अनुसार, उनके साथ अन्य खिलाड़ियों जैसा व्यवहार नहीं किया गया और न ही उन्हें सम्मान मिला। उन्होंने कहा, “मैंने पाकिस्तान में क्रिकेट खेलते हुए भेदभाव का सामना किया। मेरे धर्म के कारण मेरे साथ अलग व्यवहार किया गया, जिससे मेरे करियर को नुकसान पहुंचा।”
इस कार्यक्रम के दौरान कनेरिया ने अमेरिका से अपील की कि वह ऐसे खिलाड़ियों की मदद करे जो भेदभाव का शिकार हो रहे हैं। उनका कहना था कि इस तरह के मामलों पर सख्त कदम उठाने की जरूरत है, ताकि खेल में सभी को समान अवसर मिल सके। उन्होंने कहा कि इस तरह के मुद्दों पर जागरूकता फैलाने से ही बदलाव संभव है।
आमतौर पर क्रिकेटर 30 साल की उम्र के बाद अपने करियर के सर्वोच्च स्तर पर पहुंचते हैं, लेकिन दानिश कनेरिया को 29 साल की उम्र में ही क्रिकेट छोड़ना पड़ा। उन्होंने अपने करियर में कुल 61 टेस्ट मैच खेले, जिसमें उन्होंने 261 विकेट चटकाए। वहीं, वनडे क्रिकेट में उन्होंने 18 मैचों में 15 विकेट लिए। उनके करियर के अचानक समाप्त होने को लेकर कई सवाल उठाए गए हैं। हालांकि, अब उन्होंने खुद खुलासा किया है कि भेदभाव के कारण उन्हें अपनी क्रिकेट यात्रा को अलविदा कहना पड़ा। उनका मानना है कि अगर समान अवसर मिलते तो वह और लंबा खेल सकते थे।
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