नई दिल्ली: भारतीय हॉकी के दिग्गज पीआर श्रीजेश ने पुष्टि की है कि आगामी ओलंपिक अंतरराष्ट्रीय हॉकी में उनका आखिरी टूर्नामेंट होगा. वहीं श्रीजेश ने अपने 18 साल पुराने करियर को याद करते हुए अपने एक्स अकाउंट पर एक थ्रेड में लिखा कि जैसा कि मैं अंतरराष्ट्रीय हॉकी में अपने अंतिम अध्याय की दहलीज पर खड़ा हूं, मेरा दिल कृतज्ञता और प्रतिबिंब से भर जाता है. यह यात्रा असाधारण से कम नहीं है और मैं अपने परिवार, टीम के साथियों, कोचों और समर्थन के लिए हमेशा आभारी हूं.
उन्होंने कहा कि मुझे अभी भी याद है कि मेरे पिता ने मेरी पहली किट खरीदने के लिए हमारी गाय बेच दी थी. उनके बलिदान ने मेरे भीतर आग जला दी, मुझे और अधिक प्रयास करने, बड़े सपने देखने के लिए प्रेरित किया. बता दें कि श्रीजेश ने 2006 में भारत के लिए आगमन किया और सीनियर टीम के लिए 328 मैच खेले हैं. अनुभवी गोलकीपर श्रीजेश ने टीम की कप्तानी भी की.
श्रीजेश ने कहा कि उनके करियर का सबसे महत्वपूर्ण क्षण भारत का 2020 टोक्यो ओलंपिक अभियान था, जब श्रीजेश ने 1980 के बाद से हॉकी में भारत का पहला ओलंपिक पदक जीतने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्होंने कहा कि टोक्यो 2020 में हमारा ओलंपिक कांस्य पदक, सर्वोच्च गौरव, एक सपना साकार होने जैसा था.