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राहुल द्रविड़ का वीरेंद्र सहवाग पर बड़ा बयान, कहा- कभी उनके जैसा बनने की कोशिश नहीं की, लेकिन…

  नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) अपने जमाने के सबसे बेहतरीन बल्लेबाजों में एक माने जाते हैं. इस खिलाड़ी ने साल 1996 में टेस्ट डेब्यू किया था. इसी साल उन्होंने अपने वनडे डेब्यू भी किया था. बता दें कि राहुल द्रविड़ ने वनडे क्रिकेट (ODI Cricket) में 10889 […]

राहुल द्रविड़
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  • Last Updated: July 27, 2022 10:26:25 IST

 

नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) अपने जमाने के सबसे बेहतरीन बल्लेबाजों में एक माने जाते हैं. इस खिलाड़ी ने साल 1996 में टेस्ट डेब्यू किया था. इसी साल उन्होंने अपने वनडे डेब्यू भी किया था. बता दें कि राहुल द्रविड़ ने वनडे क्रिकेट (ODI Cricket) में 10889 रन बनाए, जबकि टेस्ट क्रिकेट (Test Cricket) में 13288 रन बनाए. हालांकि, राहुल द्रविड़ को भी अपने करियर के दौरान कई बार परेशानियों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हर बार शानदार वापसी की.

सहवाग जैसा नहीं बन सकता था

बता दें कि भारतीय हेड कोच राहुल द्रविड़ ने ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट अभिनव बिन्द्रा से पॉडकास्ट के दौरान बहुत से खुलासे किए. जिसमें बात करते हुए उन्होंने कहा कि मैंने अपने करियर के दौरान कभी वीरेन्द्र सहवाग की तरह बनने की कोशिश नहीं की. वीरेन्द्र सहवाग का व्यक्तित्व ऐसा था कि वह उसके खेल को सूट करता था. लेकिन मैं उस तरह से नहीं खेल सकता था. हालांकि, मैंने अपने करियर के दौरान अपने मानसिक स्वास्थ्य पर काफी जोर दिया था।

मेंटल स्ट्रेंथ पर काफी काम किया

गौरतलब है कि अभिनव बिन्द्रा (Abhinav Bindra) के साथ पॉडकास्ट (Podcast) के दौरान राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) ने कहा कि अगर आप मेरे करियर पर नजर डालेंगे तो पाएंगे कि मेंटल स्ट्रेंथ मेरे लिए गेम चेंजर शाबित होती थी. मैं अपने मजबूत मानसिकता के कारण लंबे वक्त तक क्रिकेट खेल पाया और अच्छा कर पाया. उन्होंने कहा कि जब मैं क्रिकेट मैदान पर नहीं होता था उस वक्त भी खेल के बारे में काफी सोचता था. इससे मेरी गेम बेहतर हुई. भारतीय कोच ने आगे कहा कि मैदान के बाहर मैं छोटी-छोटी चीजों पर काफी काम करता था, इस वजह से मेरी क्रिकेट बेहतर होती गई.