नई दिल्ली: मोहम्मद शमी इन दिनों अपनी घातक गेंदबाजी से ज्यादा एक तस्वीर के कारण चर्चा में हैं, जिसमें उन्हें एनर्जी ड्रिंक पीते हुए देखा गया था। 4 मार्च को लिए गए इस फोटो को दो दिन बाद एक विवाद का रूप दे दिया गया, यह कहते हुए कि रमजान के दौरान शमी ने रोजा नहीं रखा, जो धार्मिक मान्यताओं के खिलाफ है। लेकिन यह तर्क देने वाले लोग शायद यह भूल जाते हैं कि देश के लिए खेलना हर खिलाड़ी की प्राथमिकता होती है।

शमी को ट्रोल करने वालों को उनके कोच बदरुद्दीन ने करारा जवाब दिया। उन्होंने साफ कहा कि शमी के लिए देश पहले है और बाकी चीजें बाद में आती हैं। कोच के इस बयान से यह स्पष्ट हो गया कि शमी अपने कर्तव्यों को सर्वोपरि रखते हैं, चाहे लोग कुछ भी कहें।

फाइनल में भी नहीं रखेंगे रोजा

9 मार्च को चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल मुकाबला खेला जाना है, जहां भारत को खिताब जीतने के लिए शमी की गेंदबाजी की सख्त जरूरत होगी। कोच बदरुद्दीन ने खुलासा किया कि शमी फाइनल में भी रोजा नहीं रखेंगे, ताकि वे अपनी सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी कर सकें। क्रिकेट विशेषज्ञों ने भी शमी के इस फैसले की सराहना की। दुबई की भीषण गर्मी में रोजा रखकर गेंदबाजी करना सेहत के लिए जोखिम भरा हो सकता था। इस्लामिक जानकारों के अनुसार, रोजे की कसर बाद में पूरी की जा सकती है, और शमी भी यही करने वाले हैं। टीम के सूत्रों की मानें तो वे बाकी दिनों में रोजा रख रहे हैं और केवल मैच वाले दिन इसे छोड़ रहे हैं, ताकि भारत के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दे सकें।

शानदार फॉर्म में लौटे शमी

चोट से वापसी के बाद शमी बेहतरीन लय में नजर आ रहे हैं। चैंपियंस ट्रॉफी से पहले बांग्लादेश के खिलाफ अभ्यास मैच में उन्होंने 5 विकेट झटके थे, जिससे उनकी शानदार फॉर्म का संकेत मिला था। टूर्नामेंट में अब तक खेले गए 4 मैचों में शमी ने 19.88 की औसत और 4.97 की इकोनॉमी रेट से 8 विकेट चटकाए हैं।

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