Pahalgam Terror Attack: जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने कई सख्त फैसले लिए हैं। भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिको को उनके देश वापस जाने को कहा गया है। इसके लिए 27 अप्रैल तक का समय दिया गया है। इस निर्णय को लेकर अब यूपी सरकार ने भी सख्त रुख अपनाना शुरू कर दिया है। यूपी में रह रहे करीब 1800 पाकिस्तानी नागरिकों को समय पर जाने का आदेश दिया गया है। इसे देखते हुए पाकिस्तानी नागरिकों ने खुद ही जाना शुरू कर दिया है।

समय पर निकलो वरना

अगर तय समय पर कोई नहीं जाता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की तैयारी तेज कर दी गई है।
यूपी के डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि यूपी में रह रहे पाकिस्तानी लोगो को तय समय पर जाना होगा जो ऐसा नहीं करेगा उसके ऊपर सख्त करवाई की जाएगी। पाकिस्तान से बड़ी संख्या में लोग शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म वीज़ा पर भारत आना-जाना करते हैं, जिनका पूरा रिकॉर्ड केंद्र की खुफिया एजेंसियां और गृह मंत्रालय के पास मौजूद रहता है।

पता लगाएगा खुफिया इकाई

सरकारी नियमों के मुताबिक पाकिस्तान से आने वाले हर व्यक्ति को अपने आगमन के बाद संबंधित ज़िले के एसपी के पास पंजीकरण कराना जरूरी होता है। इसके साथ ही, फॉरेन रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिस (एफआरआरओ), जो कि खुफिया ब्यूरो (आईबी) के अंतर्गत आता है, इन जानकारियों को एकत्रित करता है। हाल ही में केंद्र सरकार के निर्देशों के तहत, देश के विभिन्न ज़िलों में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों की जानकारी एकत्र करने का काम स्थानीय खुफिया इकाइयों को सौंपा गया है, ताकि आगे की प्रक्रियाओं को प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके।

कानूनी जाल से बच जाते हैं पाक नागरिक

उत्तर प्रदेश के हजारों मुस्लिम परिवारों के संबंध पाकिस्तान में मौजूद रिश्तेदारों से जुड़े हुए हैं। इसी कारण, जब वीजा की अवधि समाप्त हो जाती है तो कई पाकिस्तानी नागरिक छिपकर या अपना पहचान बदलकर रहने लगते है। हाल ही में बरेली में एक महिला और उसकी बेटी को पाकिस्तान की नागरिकता के चलते सरकारी शिक्षक की नौकरी से हटाया गया और उनके खिलाफ केस भी दर्ज किया गया। हालांकि, वीजा समाप्त होने के बाद कानूनी कार्रवाई होती है, लेकिन कानूनी उलझनों के चलते कई लोग कार्रवाई से बच जाते हैं।

नेपाल के रास्ते हो रही एंट्री

भारत में अवैध रूप से प्रवेश करने के लिए अधिकतर पाकिस्तानी नागरिक नेपाल के रास्ते आते हैं। हाल के दिनों में सीमा हैदर का मामला भी इसी तरह सामने आया था, जो नेपाल होते हुए नोएडा पहुंची थी। अधिकारियों का कहना है कि बांग्लादेशियों के मुकाबले इनकी संख्या कम है। इसके बावजूद कई घुसपैठिए फर्जी दस्तावेजों के ज़रिए भारतीय नागरिकता हासिल कर लेते हैं, जिससे उनकी असली पहचान उजागर करना मुश्किल हो जाता है।

 

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