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कभी भी गिर सकता है पुरी का जगन्नाथ मंदिर- ASI

ओडीशा का बेहद पुराना पुरी मंदिर पर खतरा मंडरा रहा है. विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर की मरम्मत रोक दी गई है. इसे रोकने का आदेश ऑर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) ने दिया है. मंदिर की इस हालात को लेकर एएसआई ने चेतावनी जारी कर दी है. एएसआई ने इस मंदिर को हाई रिस्क पर डाल दिया है और चेतावनी में साफ-साफ कह दिया है कि अगर वक्त रहते जरूरी कदम नहीं उठाए गए तो सदियों पुराना ये मंदिर किसी भी ध्वस्त हो सकता है.

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  • Last Updated: May 18, 2016 07:02:20 IST
भुवनेश्वर: ओडीशा का बेहद पुराना पुरी मंदिर पर खतरा मंडरा रहा है. विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर की मरम्मत रोक दी गई है. इसे रोकने का आदेश ऑर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) ने दिया है. मंदिर की इस हालात को लेकर एएसआई ने चेतावनी जारी कर दी है. एएसआई ने इस मंदिर को हाई रिस्क पर डाल दिया है और चेतावनी में साफ-साफ कह दिया है कि अगर वक्त रहते जरूरी कदम नहीं उठाए गए तो सदियों पुराना ये मंदिर किसी भी ध्वस्त हो सकता है. 
 
‘ये मंदिर ‘हाई रिस्क’ पर है’
एएसआई की तकनीकी कोर समिति के अध्यक्ष जीसी मित्रा ने कहा है कि ये मंदिर ‘हाई रिस्क’ पर है और अगर समय पर ज़रूरी कदम नहीं उठाए गए तो सदियों पुराना ये मंदिर ध्वस्त हो सकता है. मित्रा के इस बयान के बाद ओडीशा में हर तरफ़ इस मुद्दे की चर्चा हो रही है. 
 
CM पटनायक ने लिखा PM को पत्र
ओडीशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तो पत्र लिखकर उनसे आग्रह किया है कि मंदिर के जगमोहन परिसर को लेकर तत्काल कदम उठाए जाएं. उन्होंने इसमें एएसआई की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाये हैं. पत्र में उन्होंने कहा कि एएसआई की लापरवाही की वजह से पूरे देश के लोगों की धार्मिक भावना को ठेस पहुंच सकती है, क्योंकि एएसआई काम तो शुरू करती है पर वक्त पर पूरा नहीं करती है.
 
PM खुद देख रहे हैं मामला
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के दिल्ली आवास पर हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में केंद्रीय संस्कृति मंत्री डॉ. महेश शर्मा, एएसआई के महानिदेशक और अन्य अधिकारियों ने इस मुद्दे पर चर्चा की. इसके बाद धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि मंदिर की मरम्मत में पैसे की कमी नहीं होने दी जाएगी. मुख्यमंत्री का पत्र मिलने के बाद पीएम मोदी खुद इस मामले को देख रहे हैं.
 
नब्बे की दशक से गिर रहा मंदिर की छत से मलबा
लगभग दो महीने बाद यहां विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा का आयोजन होना है. दो महीने पहले एएसआई ने जगन्नाथ मंदिर की मरम्मत रोकने का आदेश क्यों दिया, यह पूरी तरह साफ़ नहीं है. बस यह कहा गया कि मंदिर के कमजोर ढांचे का फिर से अध्ययन करने की आवश्यकता है. बता दें कि नब्बे की दशक से इस मंदिर की छतों से मलबे का गिरना जारी है, जो हाल के वर्षों में बढ़ गया है. इसके चलते इसकी तुरंत मरम्मत की स्थिति खड़ी हो गई है.
 
बिगड़ती ही जा रही है मंदिर की स्थिति: सुरेश महापात्र
मंदिर के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी सुरेश महापात्र का कहना है कि मंदिर की स्थिति दिनोंदिन  बिगड़ती जा रही है. यदि मंदिर की मरम्मत रोकी गई तो भगवान ही जाने क्या होगा. उनका कहना हम एएसआई की कीमत चुकाने को तैयार हैं. इसके लिए एक करोड़ रुपया अलग रख रखा है, ताकि मरम्मत में कोई रूकावट न आए.

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