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अरब सागर से उठा तूफ़ान, महाराष्ट्र और गुजरात में भारी बारिश की संभावना

अरब सागर में बना 'दबाव' तट की ओर बढ़ रहा है तथा भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने इसके 'गहरे दबाव क्षेत्र' में तब्दील होने की संभावना जताई है, जिससे देश के पश्चिमी तटीय राज्यों महाराष्ट्र, गोवा और गुजरात में भारी बारिश हो सकती है. भारतीय मौसम विभाग ने एक बयान में बताया, पूर्वी मध्य अरब सागर के ऊपर बना दबाव का क्षेत्र उत्तर, उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ गया है और मुंबई से 580 किलोमीटर दूर दक्षिण-पश्चिम, वरावल से 560 किलोमीटर दूर दक्षिण, दक्षिण-पश्चिम और मसीराह आयलैंड (ओमान) से 150 किलोमीटर दूर दक्षिणपूर्व में केंद्रित है.

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  • Last Updated: June 8, 2015 09:56:34 IST

नई दिल्ली. अरब सागर में बना ‘दबाव’ तट की ओर बढ़ रहा है तथा भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने इसके ‘गहरे दबाव क्षेत्र’ में तब्दील होने की संभावना जताई है, जिससे देश के पश्चिमी तटीय राज्यों महाराष्ट्र, गोवा और गुजरात में भारी बारिश हो सकती है. भारतीय मौसम विभाग ने एक बयान में बताया, पूर्वी मध्य अरब सागर के ऊपर बना दबाव का क्षेत्र उत्तर, उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ गया है और मुंबई से 580 किलोमीटर दूर दक्षिण-पश्चिम, वरावल से 560 किलोमीटर दूर दक्षिण, दक्षिण-पश्चिम और मसीराह आयलैंड (ओमान) से 150 किलोमीटर दूर दक्षिणपूर्व में केंद्रित है.

तूफ़ान से मानसून भी होगा प्रभावित

विभाग ने बताया, यह उत्तर, उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ेगा तथा इसके बाद सघन होकर अगले 24 घंटे में गहरे दबाव में तब्दील हो जाएगा. मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की घटना से मॉनसून की प्रगति प्रभावित होती है. आईएमडी ने इसे अभी भी ‘चक्रवाती तूफान’ नहीं बताया है, लेकिन निजी मौसम भविष्यवाणी एजेंसी स्काईमेट का कहना है कि दबाव पहले ही ‘गहरे दबाव’ में परिवर्तित हो चुका है और तेजी से मजबूत होता जा रहा है, जिसमें ‘चक्रवाती तूफान’ के लक्षण दिखाई दे रहे हैं. आईएमडी ने कहा कि यह उत्तर, उत्तर-पश्चिम की तरफ बढ़ेगा और अगले 24 घंटे में गहरे दबाव के क्षेत्र में तब्दील हो जाएगा.

महाराष्ट्र, कोंकण और गोवा के तटों पर 45 से 55 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पहुंच रही हवाएं अगले 48 घंटे में 65 किलोमीटर प्रति घंटा हो जाएंगी. इस अवधि में महाराष्ट्र, कोंकण और गोवा के तटों पर इस दौरान समुद्र में उथल-पुथल की स्थिति रहेगी. इसने चक्रवातों को विभिन्न श्रेणियों में बांटा है जो ‘दबाव’ और ‘गहरे दबाव’ के बाद ‘चक्रवाती तूफान’ बन जाती हैं.

आईएमडी के उपनिदेशक कृष्णानंद होसालीकर ने कहा, हम दबाव की प्रगति पर नजर रख रहे हैं. यह कहना कठिन है कि इससे मॉनसून की प्रगति प्रभावित होगी या नहीं. कभी-कभी ऐसे पैटर्न से मॉनसूनी हवाओं को ज्यादा नमी मिलती है और प्रगति में मदद मिलती है. उन्होंने कहा, …लेकिन कई बार इससे मॉनसून की प्रगति प्रभावित होती रही है. पिछले वर्ष चक्रवाती तूफान नानुक ने अरब सागर में मॉनसून की प्रगति को प्रभावित किया था. मॉनसून 10 जून को मुंबई में आने वाला था, लेकिन अंतत: यह 15 जून को पहुंचा था.
IANS से भी इनपुट

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