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म्यांमार से पहले भी सेना ने किए हैं ये चार बड़े ऑपरेशन

नई दिल्ली. म्यांमार सीमा के अंदर जाकर भारतीय सेना द्वारा उग्रवादी कैंपों पर हमला करने को देश का पहला ऐसा अभियान बताने के बाद धीरे-धीरे इस तरह के कई पुराने ऑपरेशन सामने आने लगे हैं. ऐसे ही पांच अहम ऑपरेशन जो म्यांमार से पहले भारतीय सेना अंजाम दे चुकी है.

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  • Last Updated: June 12, 2015 13:16:32 IST

नई दिल्ली. म्यांमार सीमा के अंदर जाकर भारतीय सेना द्वारा उग्रवादी कैंपों पर हमला करने को देश का पहला ऐसा अभियान बताने के बाद धीरे-धीरे इस तरह के कई पुराने ऑपरेशन सामने आने लगे हैं.

अंग्रेजी न्यूज़ वेबसाइट द क्विंट ने सेना के इस तरह के पहले के पांच ऑपरेशन पर एक खबर की है जिसमें से चार ऑपरेशन हम अपने पाठकों के लिए हिन्दी में पेश कर रहे हैं. पांचवां ऑपरेशन अमृतसर के स्वर्ण मंदिर का ऑपरेशन ब्लैक थंडर वन और टू था जो देश के अंदर का ऑपरेशन था इसलिए उसे हम इस लिस्ट में नहीं ले रहे हैं.

1. ऑपरेशन गोल्डन बर्ड- 1995 में भारतीय सेना ने म्यांमार सेना के साथ मिलकर 45 दिन का ऑपरेशन गोल्डन बर्ड चलाया था. इस ऑपरेशन के तहत बांग्लादेश से तस्करी के जरिए लाई जा रही हथियारों की बड़ी खेप को सेना ने पकड़ा था. इस तस्करी में नगा, मणिपुरी और असमिया विद्रोही शामिल थे. 38 विद्रोही इस अभियान में मारे गए जबकि 118 विद्रोहियों को गिरफ्तार कर लिया गया था. म्यांमार सेना ने इस ऑपरेशन को मदद उस वक्त बंद कर दी जब भारत की तरफ से म्यांमार की उस समय की विपक्षी नेता आंग सान सू की को सम्मानित करने की खबर सार्वजनिक हुई.

2. ऑपरेशन ऑल क्लीयर- दिसंबर, 2003 में भूटान में भारतीय सेना ने पूर्वोत्तर के उग्रवादियों का सफाया करने के लिए ऑपरेशन ऑल क्लीयर लॉंच किया था. भूटान सेना के साथ मिलकर किए गए इस ऑपरेशन में अपुष्ट खबरों के मुताबिक 650 उग्रवादी या तो मारे गए थे या गिरफ्तार कर लिए गए थे.

3. ऑपरेशन कैक्टस- 1988 में मालदीव ने तख्तापलट रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र से मदद मांगी जिस पर सबसे पहले भारत ने 300 सैनिकों को भेजकर राजधानी माले को सुरक्षित किया. विद्रोहियों ने श्रीलंका से भाड़े के लड़ाके मंगवाए थे जिन्हें भागने के दौरान आईएनएस गोदावरी और आईएनएस बेतवा ने पकड़ लिया.

4. ऑपरेशन मेघदूत- 1984 में भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर में सियाचिन ग्लेशियर को अपने कंट्रोल में रखने के लिए ऑपरेशन मेघदूत चलाया था. सियाचिन दुनिया की सबसे ऊंची युद्ध भूमि है जो 22 हजार फीट की ऊंचाई पर है. भारत सरकार को खुफिया खबर मिली थी कि पाकिस्तान ने लंदन के एक सप्लायर को ठंडे इलाके में सैनिकों की जरूरत के साजो-सामान का ऑर्डर प्लेस किया है. पाकिस्तान सियाचिन कब्जा करने की तैयारियों में जुटा था. इस खबर के मिलते ही सेना को पैदल सियाचिन के लिए रवाना कर दिया गया. पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने अपने संस्मरण में लिखा है कि इस ऑपरेशन के कारण पाकिस्तान को 2300 वर्ग किलोमीटर इलाका गंवाना पड़ा.

स्रोत- http://www.thequint.com/2015/jun/11/before-myanmar-there-were-these-five-great-indian-military-ops

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