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वीरता पुरस्कार: 11 साल के मोहन सेठी की हिम्मत और जज्बा आपको कर देगा हैरान

हर साल 26 जनवरी को देश के कुछ बच्चों को वीरता पुरस्कार से नवाजा जाता है. इस बार भी वीरता पुरस्कार के लिए 25 बच्चों को चुना गया है. इन्हीं बच्चों में एक है ओडशा का रहने वाला मोहन सेठी, जिसने अपनी बहादुरी से अपने दोस्त की जान बचा ली.

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  • Last Updated: January 17, 2017 11:48:49 IST
नई दिल्ली : हर साल 26 जनवरी को देश के कुछ बच्चों को वीरता पुरस्कार से नवाजा जाता है. इस बार भी वीरता पुरस्कार के लिए 25 बच्चों को चुना गया है. इन्हीं बच्चों में एक है ओडिशा का रहने वाला मोहन सेठी, जिसने अपनी बहादुरी से अपने दोस्त की जान बचा ली. 
 
11 साल के मोहन सेठी की बहादुरी की घटना 28 जून 2015 की है. इस दिन मोहन और उसका दोस्त सब्यासाची (11 साल) नदी में नहाने गए थे. नहाते वक्त सब्यासाची का संतुलन बिगड़ गया और वह पानी के साथ बहने लगा. 
 
खुद कपड़ा लेकर कूदा
सब्यासाची ने खुद को संभालने की बहुत कोशिश की लेकिन वो पानी के बहाव में संभल नहीं पा रहा था. अपने दोस्त को डूबता देख मोहन चिल्लाया. जब कोई मदद के लिए नहीं दिखा तो वह खुद हाथ में कपड़ा लेकर नदी में कूद गया. वो तैरकर डूबते हुए सब्यासाची के पास पहुंचा और उसे कपड़े का एक छोर पकड़ने के लिए कहा. 
 
 
इसके बाद मोहन सब्यासाची को पूरा जोर लगाकर बाहर खींचने लगा. लगभग अपनी ही उम्र के दोस्त को मोहन ने किसी तरह बाहर खींच ही निकाला और किनारे तक ले आया. मोहन की इस सूझबूझ और हिम्मत ने उसके दोस्त की जान बचा ली. छोटी-सी उम्र में इस साहसिक कार्य को करने के लिए मोहन को वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया जा रहा है. 
 
मोहन के अलावा सम्मानित होने वाले बच्चों में 1 अरुणाचल प्रदेश, 2 पश्चिम बंगाल, 1 उत्तराखंड, 2 मिजोरम, 2 छत्तीसगढ़, 1 राजस्थान, 1 कर्नाटक, 1 नागालैंड, 1 हिमाचल प्रदेश, 1 असम, 1 मणिपुर, 4 केरल, 1 उत्तर प्रदेश, 3 दिल्ली, 1 महाराष्ट्र और 1 जम्मू-कश्मीर के बच्चे हैं.
 

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