Inkhabar
  • होम
  • राज्य
  • डीएम-एसपी, कमिश्नर-सेक्रेटरी को फरमान, सांसद-विधायक का खड़े होकर करें सम्मान

डीएम-एसपी, कमिश्नर-सेक्रेटरी को फरमान, सांसद-विधायक का खड़े होकर करें सम्मान

यूपी में अब विधायकों और सांसदों की रसूख और बढ़ने वाली है. उत्तर प्रदेश के चीफ सेकेट्री राजीव कुमार ने राज्य अधिकारियों को एक प्रोटोकॉल लिस्ट दी है जिसमें ये बताया गया है कि जन प्रतिनिधियों के साथ कैसे पेश आना है.

Uttar Pradesh, UP New Circular, Uttar Pradesh DM, Uttar Pradesh SP, Uttar Pradesh Commissioner, MLA, MP, Yogi Adityanath
inkhbar News
  • Last Updated: October 21, 2017 13:28:07 IST
लखनऊ: यूपी में अब विधायकों और सांसदों की रसूख और बढ़ने वाली है. उत्तर प्रदेश के चीफ सेकेट्री  राजीव कुमार ने राज्य अधिकारियों को एक प्रोटोकॉल लिस्ट दी है जिसमें ये बताया गया है कि जन प्रतिनिधियों के साथ कैसे पेश आना है. इसमें कहा गया है कि किसी कार्यालय या सार्वजनिक जगह पर जन प्रतिनिधि आते हैं तो सभी अफसरों और कर्मचारियों को उनके सम्मान में खड़ा होना होगा.चीफ सेकेट्री ने सभी जिला अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों को पत्र लिखकर ये भी कहा है कि हमें उम्मीद है कि सांसदों और विधायकों के लिखे पत्रों को गंभीरता से लेते हुए उनपर कार्रवाई करेंगे. साथ ही ये भी कहा है कि पत्र मिलने पर इसकी रीसिविंग भी देंगे.पत्र में ये भी कहा है कि अधिकारी सांसदों और विधायकों का फोन रिसीव करें और अगर वो बैठक में हैं या किसी जरूरी काम में हैं तो काम खत्म होने के बाद उन्हें कॉल बैक करें. 
 
इसके अलावा जन प्रतिनिधियों को सम्मान दें और उनके आने पर अपनी सीट से खड़े होकर उनका स्वागत. हालांकि ये पहली बार नहीं है कि सांसदों और विधायकों का सम्मान करने के लिए राज्य सरकार ने सर्कुलर निकाला हो. इस तरह का सर्कुलर साल 2007 में भी निकाला गया था और तब से लेकर अबतक 17 सर्कुलर निकाले जा चुके हैं और ये 18वां सर्कुलर है. राज्य अधिकारियों को ये भी आदेश दिया गया है कि वो जन प्रतिनिधि से किसी भी तरह की बहस ना करें और उनके आने पर उनका पूरा सम्मान करें. उनके जलपान की व्यवस्था करें और जब वो जाने लगें तो उन्हें सम्मान के साथ गेट तक छोड़कर आएं. चीफ सेकेट्री ने पत्र में ये भी लिखा है कि जन प्रतिनिधि का सम्मान ना करने वाले अधिकारी पर यूपी कर्मचारी नियमावली 1956 के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी. 
 
 
यूपी सरकार के इस सर्कुलर के खिलाफ पूर्व आईपीएस अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह ने मोर्चा खोल दिया है. फेसबुक पर उन्होंने एक पोस्ट किया है जिसमें उन्होंने पूछा है कि राज्य में 43 फीसदी विधायक आपराधिक पृष्ठभूमि के हैं. उन्होंने पूछा कि क्या ‘डीपी यादव’ जैसे अपराधी या प्रजापति जैसे भ्रष्ट/ बलात्कारी नेताओं को भी सम्मान मिलेगा? उन्होंने आगे लिखा कि ‘सम्मान मांगा नहीं जाता बल्कि अर्जित किया जाता है’. उन्होंने लिखा कि सम्मान पद से नहीं बल्कि प्रतिभा और सदाचार से आता है. अगर आदर्श आचरण हो तो सम्मान दिल से आएगा. फेसबुक पोस्ट में उन्होंने ये भी कहा कि सम्मान कभी भी एकतरफा नहीं होता बल्कि ये पारस्परिक होता है. उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं हो सकता कि अधिकारी तो जन प्रतिनिधियों को सम्मान दें लेकिन जनप्रतिनिधि उनके साथ गाली-गलौज करें.
 
सूर्य प्रताप सिंह ने आगे लिखा कि एक दशक में 18 बार ऐसे आदेश क्यों जारी करने पड़े, ये सोचना दिलचस्प है. उन्होंने कहा कि ये आदेश इसलिए जारी करना पड़ा क्योंकि या तो अधिकारी विधायकों का सम्मान नहीं कर रहे या फिर विधायकों का आचरण सम्मान योग्य नहीं रहा? 
 

Tags