नई दिल्ली। सपा नेता अबू आजमी का औरंगजेब पर टिप्पणी करना महंगा पड़ गया है। अबू आजमी को महाराष्ट्र विधानसभा के बजट सत्र से सस्पेंड कर दिया गया है। अब इस मामले में सपा मुखिया अखिलेश यादव भी कूद पड़े हैं। अखिलेश ने अबू आजमी के समर्थन में कहा कि ऐसा करके वो सच की ज़ुबान पर ज्यादा दिन तक लगाम नहीं लगा पाएंगे।

बचपना दिखा रही बीजेपी

अखिलेश ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है कि निलंबन का आधार यदि विचारधारा से प्रभावित होने लगेगा तो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और परतंत्रता में क्या अंतर रह जाएगा। हमारे विधायक हों या सांसद उनकी बेख़ौफ़ दानिशमंदी बेमिसाल है। कुछ लोग अगर सोचते हैं कि ‘निलंबन’ से सच की ज़ुबान पर कोई लगाम लगा सकता है तो फिर ये उनकी नकारात्मक सोच का बचपना है।

अच्छे शासक थे औरंगजेब

अबू आजमी ने औरंगजेब की तारीफ करते हुए कहा था कि वो क्रूर शासक नहीं है। वो एक अच्छे शासक थे। उनके इस बयान पर महाराष्ट्र में हंगामा शुरू हो गया। बीजेपी-शिवसेना ने इसे देशद्रोह बताया। इस मामले में अबू आजमी पर केस भी हो गया है। हालांकि विवाद बढ़ता हुआ देखकर उन्होंने माफ़ी मांग ली थी। अब उन्हें विधानसभा से निलंबित कर दिया गया है।

देशद्रोही को मत बैठने दो

मंगलवार को अबू आजमी के बयान को लेकर महाराष्ट्र विधानसभा में खूब हंगामा हुआ था। एकनाथ शिंदे ने उन्हें देशद्रोही बताया। वहीं शिवसेना मंत्री उदय सामंत ने उनके निलंबन की मांग की थी। शिवसेना मंत्री के बयान पर टिप्पणी करते हुए शिंदे ने कहा कि अबू आजमी को इस सदन में बैठने का कोई अधिकार नहीं है। औरंगजेब ने संभाजी को 40 दिनों तक बंदी बनाकर रखा था। उनकी जीभ तक खींच ली थी। उनके शरीर पर नमक डाला था और ये गुणगान कर रहे हैं।

 

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