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Arunachal Leaders Quits BJP: लोकसभा चुनाव 2019 से पहले बीजेपी को बड़ा झटका, अरुणाचल प्रदेश में 18 नेता एनपीपी में शामिल

Arunachal Leaders Quits BJP: लोकसभा 2019 चुनाव से पहले बीजेपी को अरुणाचल प्रदेश में बड़ा झटका लगा है. अब तक 25 नेता बीजेपी का दामन छोड़कर मेघालय के सीएम कोनराड संगमा की एनपीपी में शामिल हो गए हैं. बताया जा रहा है कि टिकट न मिलने पर उन्होंने यह कदम उठाया.

lok sabha 2019 election
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  • Last Updated: March 20, 2019 09:37:34 IST

नई दिल्ली. लोकसभा 2019 चुनाव से पहले पूर्वोत्तर भारत में बीजेपी को बड़ा झटका लगा है. पिछले कुछ दिनों में 25 बीजेपी नेता इस्तीफा दे चुके हैं. टिकट न मिलने पर अरुणाचल प्रदेश में 18 बीजेपी नेताओं ने इस्तीफा दे दिया, जिनमें पार्टी के महासचिव जरपूम गमबिन, गृहमंत्री कुमार वाई और पर्यटन मंत्री जरकार गामलिन के अलावा 6 अन्य विधायक शामिल हैं. मंगलवार को दो मंत्री और 6 विधायकों ने एनपीपी का दामन थाम लिया.

अरुणाचल प्रदेश में लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा चुनाव होने हैं. ये सभी नेता कोनराड संगमा की नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) में शामिल हो गए हैं, जिसने पूर्वोत्तर भारत में अकेले चुनाव में उतरने का फैसला किया है. वाई ने कहा कि ‘झूठे वादों’ के बाद बीजेपी ने लोगों की आंखों में अपनी पुरानी चमक खो दी है.

वाई ने कहा, हम सिर्फ चुनाव ही नहीं लड़ेंगे बल्कि राज्य में एनपीपी की सरकार भी बनाएंगे. एनपीपी ने पूर्वोत्तर राज्यों की सभी 25 संसदीय सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है. पार्टी ने मेघालय के प्रत्याशियों की लिस्ट जारी कर दी है. अन्य सीटों की भी सूची जल्द जारी की जाएगी.

कुमार वाई ने कहा, ”अगर बीजेपी सही होती तो हम इस्तीफा क्यों देते. पार्टी आलाकमान कहती है कि बीजेपी के लिए देश पहले है, पार्टी बाद में. लेकिन असलियत में वह इसका उल्टा करते हैं. वे कांग्रेस और उसकी वंशवाद राजनीति पर हमला बोलते हैं लेकिन अरुणाचल प्रदेश में देखें तो मुख्यमंत्री के परिवार को तीन टिकट मिले हैं. ”

वहीं गामलिन ने कहा, वह पार्टी से इस्तीफा नहीं देते, अगर भाजपा उन्हें पहले बता देती कि उन्हें चुनाव में टिकट नहीं दिया जाएगा. गामलिन ने कहा, ”मेरे सामने पार्टी और मेरे लोगों में से किसी एक को चुनने का विकल्प था. चुनावी राजनीति में लोग पार्टी से ज्यादा अहम हैं. लिहाजा मैंने अपने समर्थकों के फैसले को चुना. ” उन्होंने कहा, अगर मुझे शुरू से पता हो कि मुझे टिकट नहीं मिलेगा तो मैं इस्तीफा नहीं देता. लेकिन बीजेपी ने मुझे हमेशा अंधेरे में रखा. वहीं केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि टिकट पर फैसला केंद्रीय चुनाव समिति ने लिया.

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