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अयोध्या में नहीं बिकेगा मांस, क्या हिंदू-मुस्लिम में होगी तकरार, क्या सोच रही है सरकार!

लखनऊ: धार्मिक नगरी अयोध्या में शारदीय नवरात्र को देखते हुए पूरे जिले में मांस की दुकानों पर मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. नगर खाद्य आयुक्त मानिक चंद ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इसकी पुष्टि की. पत्र में लिखा है कि अयोध्या जिले की सभी मांस की दुकानें 03-10-2024 से 11-10-2024 तक […]

Meat will not be sold in Ayodhya, will there be conflict between Hindus and Muslims, what is the government thinking
inkhbar News
  • Last Updated: October 2, 2024 08:48:08 IST

लखनऊ: धार्मिक नगरी अयोध्या में शारदीय नवरात्र को देखते हुए पूरे जिले में मांस की दुकानों पर मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. नगर खाद्य आयुक्त मानिक चंद ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इसकी पुष्टि की. पत्र में लिखा है कि अयोध्या जिले की सभी मांस की दुकानें 03-10-2024 से 11-10-2024 तक बंद रहेंगी.

 

कार्रवाई की जायेगी

 

उन्होंने कहा कि यदि कहीं भी मांस की बिक्री या भंडारण किया जा रहा है तो विभाग के दूरभाष नंबर ‘05278 366 607’ पर सूचना दें. ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी. पहले भी कई बार साधु-संतों ने रामनगरी में मांस-मदिरा की खरीद-फरोख्त पर रोक लगाने की मांग की है, जिसके लिए कई साधु-संतों ने मुख्यमंत्री से लेकर राष्ट्रपति तक को अनुरोध पत्र भेजा है.

 

चेतावनी भी दी थी

 

इतना ही नहीं हाल ही में कई साधु-संतों ने इस मुद्दे पर आंदोलन की चेतावनी भी दी थी. साधु-संतों ने कहा कि अगर पूरी अयोध्या में मांस-मदिरा पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता तो कम से कम पंच कोसी और 14 कोसी क्षेत्र के अंदर मांस और शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए, क्योंकि 14 कोसी में हमेशा कई धार्मिक स्थल हैं. कोसी और पंच कोसी क्षेत्र. साधु-संतों और अन्य श्रद्धालुओं के आयोजन, परिक्रमा यात्रा जारी है। ऐसे में इन मार्गों पर और इन इलाकों में मांस और शराब की बिक्री बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.

 

बिक्री नहीं होनी चाहिए

 

मीडियो से बात करते हुए अयोध्या धाम के 14 कोसी परिक्रमा मार्ग पर रहने वाले पंडित शैलेन्द्र उपाध्याय ने कहा कि सही मायने में धार्मिक नगरी अयोध्या के 84 कोस के दायरे में मांस और शराब की बिक्री नहीं होनी चाहिए. जीवों को मारकर खाना राक्षसी प्रवृत्ति है। मांस खाने से मन, वाणी के साथ-साथ विचार भी प्रदूषित होते हैं। सरकार को कम से कम धार्मिक शहरों में ऐसी गतिविधियों पर तुरंत प्रतिबंध लगाना चाहिए।

 

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